ग्वालियर। जयारोग्य चिकित्सालय में पूरे संभाग और उत्तरप्रदेश तक के मरीज उपचार के लिए आते हैं, लेकिन यहां की सफाई व्यवस्था काफी दयनीय है। आलम यह है कि जगह-जगह दूषित पानी जमा है, जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। सड़क के किनारे बने कच्चे मार्ग को डंपिंग ग्राउंड बना दिया गया है। गंभीर स्थिति इसलिए भी है, क्योंकि 1200 बेड के अस्पताल में 1200 अटेंडर हर समय मौजूद रहते हैं। आब्जर्वेशन में होने के कारण मरीज तो ठीक हो जाता है, लेकिन बाहर खुले आसमान के नीचे सोने वाले अटेंडरों पर हमेशा गंभीर बीमारियों एवं संक्रमण रोगों का खतरा मंडराता रहता है।
जयारोग्य अस्पताल की सफाई व्यवस्था पर प्रतिमाह 18 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं। अधिकारियों की नजरों में साफ- सफाई दिखाई दे, इसलिए सड़क और अस्पताल के अंदर तो सफाई की जाती है, लेकिन सड़क के किनारे लगे वृक्षों में गंदगी फेंक दी जाती है। इतना ही नहीं जगह-जगह जमा दूषित पानी को भी साफ नहीं किया जाता है, जिससे मरीजों के साथ आए अटेंडरों में बीमारी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। अस्पताल परिसर की ग्रीनरी भी इस गंदगी से प्रभावित हो रही है। जानकारों की मानें तो 1200 मरीजों के साथ आने वाले 1200 अटेंडरों में से 600 लोग ऐसे होते हैं, जो जाने-अनजाने बीमारी के वाहक बन जाते हैं।