
प्रचार सामग्री बांट रहे हैं :
आशाराम के शिष्य अपने साथ में मैजिक ऑटो में अपने साथ आशाराम का कैलेंडर सहित अन्य प्रचार सामग्री ले जा रहे हैं। स्कूलों में जाकर सबसे पहले आशाराम का बैनर लगाते हैं। फिर बच्चों से आशाराम का पूजन कराया जाता है। इसके बाद युवा संघ के कार्यकर्ता अपने मिशन में जुट जाते हैं।
एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों में कराया पूजन
युवा सेवा संघ के सदस्यों ने दो दिन में एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों में अपने कैंप लगाए। इनमें पहाड़ी तिलरावन, अस्तौन, सगरवाड़ा, जुड़ावन, पठा, माडूमर, उऊदनवारा, बगाजमाता, सुंदरपुर, नारायणपुर, बल्देवगढ़, खरगापुर, मवई, मंजना, आलमपुरा तथा अंनतपुरा गांव के सरकारी और प्राइवेट स्कूल शामिल हैं। अस्तौन गांव के संदीप कुशवाहा का कहना है कि गांव के निजी एवं सरकारी स्कूलों में जाकर यह कार्यक्रम आयोजित कराया था। संघ के अध्यक्ष हरिमोहन सिंह सोलंकी का कहना है कि हम लोग स्कूलों में जाकर वैलेंटाइन डे पर माता-पिता पूजन की प्रेरणा दे रहे थे। इसकी जोत आशाराम बापू ने जगाई है। हमारा मकसद संस्कारवान पीढ़ी का निर्माण करना है।