भोपाल। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर गुस्र्वार को चर्चा शुरू हुई। इसके प्रारंभ में ही कांग्रेस विधायक महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने आरोप लगाया कि सूखा पीड़ित किसानों को मुआवजा राशि न मिलने का ध्यानाकर्षण लगाने वाले मंदसौर के दो भाजपा विधायकों को सरकार ने ही सदन से गैरहाजिर करा दिया।
मप्र को लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार मिल रहा है फिर भी किसान खुदकुशी कर रहे हैं। इस पर संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हमारी पार्टी के विधायक ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। कालूखेड़ा ने जलसंकट, भ्रष्टाचार, भूमाफिया, व्यापमं, मिलावट, कुपोषण एवं मंत्रियों की उदासीनता जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने बताया कि विधायक कैलाश चावला और जगदीश देवड़ा ने ध्यानाकर्षण लगाया था, चर्चा के चंद मिनट पहले तक वह विस में थे, लेकिन सरकार ने ही उन्हें गैरहाजिर रहने को कह दिया।
इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने टोका-टाकी भी की, संसदीय कार्यमंत्री बोले, कांग्रेस के पास कुछ काम नहीं, इसलिए हमारे विधायक ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। कालूखेड़ा ने कहा कि अभिभाषण में भ्रष्टाचार एवं सुशासन जैसे मुद्दों का जिक्र नहीं। सरकार पर कर्ज बढ़ता जा रहा है, 2003 में 20 हजार करोड़ था, जो अब डेढ़ से दो लाख करोड़ के बीच पहुंच गया। प्रदेश में इंसान और मवेशी प्यासे मर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सूखा पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं बंट रही, केंद्र से बजट में कटौती हो रही है, लेकिन सरकार चुप है। यूपीए के कार्यकाल में राशि को लेकर धरने पर बैठने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब क्यों चुप हैं। मोदी सरकार पैसे काट रही है, लेकिन सरकार उनके स्वागत पर करोड़ों खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री को मोदी से पूछना था कि आपने मप्र के पैसे क्यों काटे? बीमा योजना लागू होने के पहले ही उसे सेलिब्रेट किए जाने का क्या औचित्य है। यह तो ठीक वैसी बात हो गई कि गर्भावस्था का उत्सव मनाने लगें। इस पर भाजपा के यशपाल सिंह सिंसोदिया ने टोकते हुए कहा कि 10 लाख किसान आए थे। कालूखेड़ा बोले कि सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग हुआ।
कालूखेड़ा ने ये भी आरोप लगाया कि मंत्री गोपाल भार्गव, लालसिंह, यशोधरा राजे एवं माया सिंह को छोड़ मंत्रिमंडल के बाकी सदस्य विधायकों के पत्रों का जवाब तक नहीं देते। इस पर राज्यमंत्री सुरेंद्र पटवा एवं शरद जैन ने आपत्ति जताई और कहा मुझे पत्र लिखें।
कालूखेड़ा ने अशोकनगर, विदिशा और रायसेन में भू एवं रेत माफिया का जिक्र करते हुए बताया कि करोड़ों की जमीन पर कब्जा हो रहा है। प्रशासन मूकदर्शक बना है। मुंगावली, मधोखेड़ी, नगेसिंह, अथाईखेड़ा एवं पिपरई में माफिया बेखौफ है, राशन दुकानों पर अनाज नहीं मिलता। चर्चा में बहादुरसिंह चौहान, पुष्पेंद्र नाथ पाठक, जयवर्धन सिंह एवं शैलेंद्र पटेल ने भाग लिया।