
गृहमंत्री गौर ने प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी का जलसंग्रहण क्षेत्र भोजताल तो स्थित है ही साथ ही साथ यह ऐतिहासिक नगर शैल शिखरों एवं प्राकृतिक हरियाली से भी आच्छादित है। गौर ने आगे लिखा कि वर्तमान में भोपाल देश की हृदयस्थली होने के साथ-साथ सामरिक दृष्टि से सुरक्षित है। भोपाल के पास सांची का विश्व प्रसिद्ध स्तूप, भोजपुर मंदिर का विशाल ग्रेनाइट के पत्थर से बना हजार साल पुराना शिवलिंग, प्रसिद्ध भीमबैठका की महाभारत कालीन गुफाएं, मस्जिदों का ताज एशिया की सबसे बड़ी ताजुल मस्जिद तथा भारत के विकास में योगदान देती महारत्न कम्पनी बीएचईएल स्थित है।
इसकी भौगोलिक स्थिति, पर्यावरण एवं मौसम की अनुकूलता, रेलवे तथा हवाई सेवा से सीधे जुड़े होने एवं देश के मध्य स्थित होने के कारण यहां से देश के अन्य स्थानों पर पहुंचने में लगने वाला अल्प समय इसे देश की उपराजधानी बनाए जाने के पूर्णत: उपयुक्त बनाता है। ज्ञापन में बाबूलाल गौर ने झीलों की नगरी भोपाल को भारत की उप राजधानी घोषित करने का आग्रह किया है।