पटेल आरक्षण के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हार्दिक पटेल ने ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए गुरुवार को सूरत के लाजपोरे जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरूआत कर दी। हार्दिक राजद्रोह के दो मामलों में सितंबर से लाजपोरे जेल में बंद हैं।
हार्दिक ने यह कदम उस समय उठाया है जब उनके करीबी सहयोगियों ने आरक्षण मुद्दे पर गुजरात में भाजपा सरकार के साथ बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है।
हार्दिक के तीन करीबी सहयोगियों- केतन पटेल, चिराग पटेल और दिनेश बंभानिया- ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को एक पत्र लिखा और बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की। हार्दिक के ये तीन सहयोगी भी राजद्रोह के मामले में सलाखों के पीछे बंद हैं।
चूंकि पत्र पर हार्दिक के हस्ताक्षर नहीं थे इसलिए ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि 22 वर्षीय हार्दिक को यह महसूस हुआ होगा कि उसे अपने ही लोगों ने धोखा दिया है और फिर उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया होगा।
घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए लाजपोरे जेल के जेलर एस एल दौसा ने मीडिया को बताया कि हार्दिक ने गुरुवार सुबह से भोजन करना बंद कर दिया है।