भोपाल। निराश्रित और दिव्यांग बच्चों को आश्रय देने वाली संस्था एसओएस बालग्राम खजूरीकलां में बच्चों के अश्लील वीडियो बनाने का मामला सामने आया है। आरोप है कि 31 दिसंबर की रात नशे में धुत बालग्राम प्रबंधन के सदस्यों ने उन्हें ठंड में बिना कपड़ों के खड़ा कर दिया। वीडियो बनाए जाने का विरोध करने पर पिटाई की गई। बच्चों ने इसकी शिकायत बाल कल्याण समिति और नि:शक्तजन आयुक्त से की है। अफसरों को वीडियो क्लिपिंग भी दी गई है।
नि:शक्तजन आयुक्त कार्यालय में 15 मार्च को मामले की सुनवाई है। बाल कल्याण समिति ने भी मामले की जांच किए जाने की बात कही है। उधर, बालग्राम प्रभारी ने बच्चों को झूठा ठहराया है। बालग्राम में इस समय 18 वर्ष तक की उम्र के 100 दिव्यांग बच्चे रह रहे हैं। इनमें 45 लड़के और 55 लड़कियां हैं। शिकायत करने वालों में दृष्टिबाधित, मूक-बधिर और मानसिक असामान्य बच्चे और किशोर हैं।
मासूम बच्ची से हुआ था रेप
पिछले साल मूक-बधिर बच्ची के साथ ज्यादती के गंभीर मामले में एसपी भोपाल ने बालग्राम से बच्चियों को हटाकर कहीं और आश्रय देने की सिफारिश की थी। सामाजिक न्याय विभाग ने बालग्राम की मान्यता रद्द करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा था। लेकिन इन पर आज तक अमल नहीं हुआ।