रोहतक। आरक्षण को लेकर जारी जाट आंदोलन में आगजनी और हिंसा का शिकार हुए रोहतक का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को फजीहत झेलनी पड़ी। खट्टर को काले झंडे दिखाए गए और मुर्दाबाद के नारे लगे। वहीं हुड्डा को घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए उन पर जूता फेंका गया।
हुड्डा मंगलवार शाम यहां पहुंचे तो उनके घर के करीब डी पार्क के पास लोगों ने उनका वाहन रोक लिया। इनमें वे लोग थे जिनका आंदोलन के दौरान काफी नुकसान हुआ है। लोग एक स्वर में घटना के लिए उन्हें और उनके समुदाय के नेताओं को आरोपी बताने लगे। हुड्डा लोगों से बातचीत कर अपना पक्ष रखने का प्रयास कर ही रहे थे कि कुछ लोगों ने उनकी ओर जूते फेंके। लोगों की नाराजगी और गुस्सा देखकर पूर्व मुख्यमंत्री अपने घर की ओर बढ़ गए। बाद में उन्होंने पार्टी नेताओं और कुछ नागरिकों के साथ बैठक की। इसके बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
उधर, राज्य के हालात कुछ सामान्य होने पर मुख्यमंत्री खट्टर मंगलवार सुबह रोहतक पहुंचे। वह केनाल रेस्ट हाउस पहुंचे तो वहां काफी लोग जमा हो गए। भीड़ ने मुर्दाबाद के नारे लगाए और उन्हें काले झंडे दिखाए। मुख्यमंत्री हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करना चाहते थे, लेकिन लोगों ने उनके काफिले को आगे बढ़ने से रोक दिया। उन्होंने लोगों से बात सुनने की अपील की और कहा कि हिंसक और आगजनी की घटनाओं की जांच कराई जाएगी। बाद में पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत के बाद वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।