नई दिल्ली। टेरी (द एनर्जी रिसर्च इंस्टीटयूट) में हाल ही में एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन बनाए गए आरके पचौरी नई मुश्किल में फंस गए हैं। टेरी की एक और पूर्व महिला कर्मचारी ने उन पर सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप लगाए हैं। ऐसे ही मामले में पचौरी पहले से फंसे हुए हैं।
इस महिला ने अपनी वकील के जरिए पचौरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने एक लेटर जारी किया है। इसमें उसने कहा है कि पिछले साल फरवरी में उसने पुलिस केस दर्ज कराने की कोशिश की थी लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसलिए अब वह लेटर के जरिए आरोप पब्लिक कर रही है। महिला के मुताबिक, 'पचौरी अक्सर मुझे बिना किसी काम के ही अपने दफ्तर में बुला लेते थे। मुझे असहज स्थिति का सामना करना पड़ता था। इससे बचने के लिए उनके बुलाने पर कई बार मैं अपने साथियों को भेज देती थी।'
पचौरी एक सीरियल सेक्शुअल हैरेसर हैं
उन्हें सजा तो नहीं मिली उल्टा अवॉर्ड दिए जाते रहे। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामलों में भारत का रिकॉर्ड ठीक नहीं है। टेरी भी पचौरी की हरकतों से वाकिफ है।मैंने 2003 में टेरी ज्वॉइन किया। वहां एक साल से ज्यादा वक्त तक काम किया। पचौरी उस वक्त डायरेक्टर थे। काम के सिलसिले में मेरा पचौरी से मिलना होता था। वो मुझे अकसर फोन करते थे। वो मुझे काम का बहाना बनाकर अकसर अपने दफ्तर में बुलाते थे। इससे मुझे परेशानी होती थी। पचौरी ने मुझे दूसरा नाम दिया था जो मैं बता भी नहीं सकती। वो सेक्शुअल कमेंट्स करते थे। मैंने उन्हें रोका पर वो नहीं माने।
फिजिकली फिट होने का दावा करते थे पचौरी
एक बार उन्होंने मुुझे ऑफिस में बुलाया और कहा कि वो मुझे हाथों से उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि वो फिजिकली बहुत फिट हैं। वो मुझे ताकत का अहसास कराना चाहते थे। एक बार मैं सेहत खराब होने की वजह से छुट्टी पर थी। उन्होंने मुझे फोन किया। वजह पूछी तो मैंने कहा- माइग्रेन है। इस पर उन्होंने कहा- हम बहुत अच्छी चम्पी (हेड मसाज) करते हैं। आप चाहें तो आपकी भी कर सकते हैं।
मैं उन्हें पिता जैसा मानती थी लेकिन उनके इरादे
छुट्टी के दिनों में भी वो मुझे मोबाइल पर फोन करते थे। अकसर डिनर और वाइन ऑफर करते थे। वो अकसर मुझसे पूछते थे कि मेरे हजबैंड कब घर से बाहर रहते हैं। एक मौके पर उन्होंने अपने ऑफिस में बुलाया और जबरदस्ती मुझे किस किया। इससे मैं काफी परेशान हो गई थी। वो अकसर मुझे छूने की कोशिश करते थे। नौकरी न छोड़ने के लिए भी उन्होंने मुझे धमकी दी थी।