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झगड़े का कारण का अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पद का विवाद बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि जिन संतों के साथ मारपीट हुई है, वो मदन मोहन दास के समर्थक हैं. मदन मोहन दास ने पिछले दिनों अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ज्ञानदास जी महाराज के खिलाफ जाकर नरेंद्र गिरि का समर्थन कर दिया था. जिसके कारण निर्मोही अखाड़े के बाकी संत उनसे नाराज बताए जा रहे हैं.
ऐसे में शुक्रवार को जैसे ही मनदमोहन दास जी के समर्थक संत उज्जैन पहुंचे. निर्मोही अखाडे के संतों ने उन पर हमला कर दिया. उनकी गाड़ियां फोड़ डालीं और उनके साथ मारपीट कर खदेड़ दिया. मारपीट का शिकार हुए छतरपुर के श्रंगारी महाराज भगवानदास के मुताबिक मारपीट करने वाले उनके अखाड़े और आवंटित भूखंड पर कब्जा करना चाहते हैं.
निर्मोही अखाडे के श्रीमहंत राजेंद्र दास और परमात्मादास ने झगड़े का कारण भूखंड आवंटन को बताया है. उनके मुताबिक सारी गलती मेला प्रशासन की है. मेला प्रशासन फर्जी लोगों भूखंड आवंटन कर रहा है, जिससे विवाद हो रहा है. साधु-संतों के बीच हुए विवाद का कारण पुलिस को भी समझ नहीं पा रही है. सीएसपी मलकीत सिंह के मुताबिक अभी तक कोई भी पक्ष रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए नहीं आया है. उल्लेखनीय है कि नरेंद्रगिरी महाराज खुद को दस अखाड़ों द्वारा चुना हुआ अध्यक्ष बताते हैं, उधर, ज्ञानदास महाराज स्वयं कोर्ट द्वारा घोषित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष मानते हैं.