घूसखोर महिला इंस्पेक्टर गिरफ्तार

ग्वालियर। लक्ष्मीगंज स्थित कृषि उपज मंडी में महिला मंडी इंस्पेक्टर को लोकायुक्त ने पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। महिला इंस्पेक्टर ने आड़त का लाइसेंस जारी करने के लिए रिश्वत मांगी थी। लोकायुक्त टीम ने रिश्वत के 5 हजार रुपए टेबिल की दराज से बरामद कर गिरफ्तार किया। 

किलागेट पर रहने वाले सुनील गुप्ता ड्राइवरी करते हैं। एक माह पहले उन्होंने कृषि उपज मंडी में आड़त का काम करने के लिए लाइसेंस का आवेदन दिया था। नियमानुसार 50 हजार की एफडीआर, रजिस्ट्री की गांरटी सहित सभी कागजों की पूर्ति कर फाइल को जमा किया। लेकिन मंडी में पदस्थ महिला इंस्पेक्टर ममता बाथम ने फाइल में तौल कांटे की रसीद नहीं होने की कमी निकाली। सुनील गुप्ता ने इस कमी को पूरा भी कर दिया।

मांगा 6 हजार का लिफाफा
सुनील गुप्ता ने बताया की कागजों की पूर्ति होने के बाद भी ममता बाथम ने साफ-साफ शब्दों में उनसे कहा कि अब काम के लिए 6 हजार रुपए का लिफाफा और चाहिए। यहां हर काम के रेट तय हैं।

गुरुवार को की लोकायुक्त में शिकायत
आरएसएस से जुड़े सुनील गुप्ता ने बुधवार की शाम को मंडी इंस्पेक्टर द्वारा 6 हजार की रिश्वत मांगे जाने की शिकायत एसपी लोकायुक्त अमित सिंह से की। लोकायुक्त ने रिश्वत की बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए टेप रिकॉर्ड दिया। और फिर से ममता बाथम के पास भेजा। शुक्रवार की सुबह रिश्वत की बात रिकॉर्ड करने के लिए सुनील गुप्ता मंडी दफ्तर पहुंचे। उसने एक बार महिला एएसआई से आड़त संबंधी फाइल का निराकरण करने का अनुरोध किया। ममता बाथम ने सवाल किया कि 6 हजार का लिफाफा लाए हो तो आज ही काम हो जाएगा। सुनील गुप्ता ने कहा कि यह तो बहुत ज्यादा हैं। मैंने न जाने कैसे 50 हजार की एफडीआर बनवाई है। ना-नुकुर के बाद 5 हजार में सौदा तय हो गया। फरियादी शुक्रवार की शाम को 5 हजार रुपए देने की बात कहकर मंडी दफ्तर से सीधा लोकायुक्त के दफ्तर पहुंचा। रिश्वत की बात रिकॉर्ड होने के बाद लोकायुक्त ने ममता बाथम के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की और ट्रेप करने के लिए टीम को भेजा।

रिश्वत लेकर दराज में रख लिए पांच हजार
लोकायुक्त ने 500-500 रुपए के 10 नोट एक लिफाफे में रखकर सुनील गुप्ता को मंडी दफ्तर भेजा। टीम भी ममता गुप्ता के कक्ष के आसपास खड़ी हो गई। सुनील गुप्ता ने ममता बाथम से नमस्ते कहकर 5 हजार रुपए का लिफाफा उन्हें थमा दिया। ममता ने बगैर देखे नोटों को लिफाफा टेबिल की दराज में रख लिया। इसके बाद लोकायुक्त की टीम ने मंडी इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ लिया।

पकड़े जाने के बाद घूंघट में छिपाया चेहरा
5 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने के बाद एएसआई ममता बाथम ने मीडिया से बचने के लिए अपना चेहरा घूंघट में छिपा लिया। ममता बाथम ने इस पूरे प्रकरण के संबंध में कहा कि उसे किसी से कुछ नही कहना है।

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