नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार को स्थिरता देने के लिये केंद्र सरकार लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। केंद्र के इस कदम से राष्ट्रीय बचत योजना, किसान विकास पत्र, डाकघर जमा योजनाओं और पीपीएफ जैसी योजनाओं में निवेश करने वालों को नुकसान होगा। यह कटौती 1 अप्रैल से लागू हो सकती है।
बालिकाओं को मिलेगी छूट
लघु बचत योजनाओं की मौजूदा दर 8.7 फीसदी है, जिसमें एक से सवा फीसदी की कटौती की जा सकती है। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि बालिकाओं और वरिष्ठ नागरिकों से जुड़ी योजनाओं पर ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।
तिमाही समायोजन होगा
उन्होंने कहा कि आमतौर पर छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें सरकारी प्रतिभूतियों से जुड़ी होती हैं और सालाना आधार पर इनका समायोजन किया जाता है। लेकिन अब यह हर तिमाही पर होगा। दास ने कहा कि पूरी दुनिया के शेयर और विदेशी विनिमय बाजारों में उथल-पुथल मची हुई है। भारत इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि हर रोज दुनिया के किसी न किसी हिस्से में एक नई समस्या खड़ी हो रही है। सरकार वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिये तैयार है।