भोपाल। खूनी संघर्ष में जख्मी आरोपी को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे दो पुलिसकर्मियों पर दूसरे पक्ष के एक दर्जन लोगों ने हमला कर दिया। पथराव करते हुए उन लोगों ने घायल युवक पर तलवार से वार करने की भी कोशिश की। इस दौरान एक पुलिसकर्मी युवक को भीड़ से बचाने की कोशिश करता रहा, जबकि दूसरे ने हमलावरों में से एक की तलवार को पैर से दबा दिया, जबकि दूसरे की तलवार हाथ से पकड़ ली। इस बीच मौके पर पहुंचे पुलिस ने घेराबंदी कर आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पथराव में पुलिसकर्मचारियों को चोट लगी है। घटना बुधवार दोपहर हुई।
कोहेफिजा पुलिस के मुताबिक शाहजहांनाबाद स्थित मरघटिया महावीर मंदिर के पीछे रहने वाले फिरोज और गुड्डू के परिवार के बीच में सुबह 11 बजे खूनी संघर्ष हो गया था। इस घटना में गुड्डू की ओर से एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे परिजन हमीदिया अस्पताल ले गए थे। इधर सिर में चोट लगने के बाद फिरोज थाने आ गया था। प्रधान आरक्षक लोकेश जोशी और आरक्षक रमाकांत बैरागी फिरोज को लेकर दोपहर करीब 2 बजे हमीदिया अस्पताल पहुंचे थे।
अस्पताल परिसर में मच गई थी अफरातफरी
दोनों पुलिसकर्मी फिरोज को लेकर इमरजेंसी की तरफ जा रहे थे,तभी विरोधी गुट के करीब एक दर्जन लोग फिरोज का मारने के लिए आ धमके। उनमें से दो के पास तलवार थीं, जबकि महिलाएं लगातार पथराव कर रही थीं। दो तरफ से आए युवकों ने फिरोज पर तलवार से हमला करने की कोशिश भी की, लेकिन लोकेश ने एक युवक की तलवार को अपने पैर से दबा दिया, जबकि दूसरे युवक की तलवार हाथ से पक ड़ ली। इस दौरान पुलिसकर्मियों को पत्थर लगते रहे, लेकिन उन्होंने फिरोज पर हमला नाकाम कर दिया। इस घटना से हमीदिया अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची फोर्स ने आरोपियों को हिरासत में लेकर हथियार जब्त कर लिए। इस मामलें मे लोकेश जोशी की शिकायत पर आरोपी कुंदन उर्फ कुन्नाू, सब्बू, शोएब,चूचू, सलमान, इरशादबी, यास्मीन, शहनाज, तस्लीम, कौसर, फरहीन के खिलाफ बलवा, सरकारी काम में अड़चन डालना, मारपीट करने का केस दर्ज कर लिया है।
जांबाजी के लिए मिला इनाम
एसपी, नॉर्थ अरविंद सक्सेना ने बताया कि दोनों जवानों ने जान जोखिम में डालकर अभिरक्षा में मुल्जिम की जान बचाकर साहस का काम किया है। दोनों को 2500-2500 रुपए का नकद इनाम दिया गया है।
साढ़े चार साल में नहीं खुल पाई पुलिस चौकी
हमीदिया अस्तपाल में जूनियर डॉक्टरों और मरीजों के बीच समय-समय होने वाले विवाद को देखते हुए यहां साढ़े चार साल से पुलिस चौकी बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक चौकी नहीं खुल पाई। हमीदिया अस्पताल में अभी पुलिस सहायता केंद्र है। यहां सिर्फ दो पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, जो बाहर से आने वाले मर्ग की तस्दीक में लगे रहते हैं। जिससे वे सुरक्षा की तरफ ध्यान नहीं दे पाते। चौकी खुलने से यहां पुलिस बल बढ़ जाएगा। हमीदिया अस्पताल के पास 14 अगस्त, 2011 को सड़क हादसे में पांच लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने हमीदिया अस्पताल में जमकर हंगाया किया था, तब से हमीदिया अस्पताल में पुलिस चौकी खोलने की मांग की जा रही है।