अपने गढ़ में दलबदलू को नहीं हरा पाई कांग्रेस

Bhopal Samachar
जबलपुर। विधानसभा चुनाव 2013 में मैहर विधानसभा से भाजपा को 41 हजार 331 मत प्राप्त हुए थे। जो नारायण के कमल थामते ही 15 माह में दोगुना होकर 82 हजार 658 तक पहुंच गए। वहीं कांग्रेस को पिछले चुनाव की अपेक्षा इस बार 14 हजार मत अधिक प्राप्त हुए, फिर भी उसे उपचुनाव में 28 हजार 281 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा।

लोकसभा चुनाव 2014 के पूर्व मैहर से तत्कालीन कांग्रेस विधायक नारायण त्रिपाठी उस समय चर्चा में आए थे जब 8 अप्रैल 2014 में सतना पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान का हवाई पट्टी में उन्होंने स्वागत किया था। इसके बाद वह सीएम के लगातार संपर्क में रहे व लोकसभा में भाजपा के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार किया। इसके बाद से ही कांग्रेस में उनके खिलाफ पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने खुलकर बगावत कर दी थी। श्री त्रिपाठी को कांग्रेस ने 20 जून को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

छह माह बाद फिर विधायक बने
मैहर उपचुनाव में रिकार्ड मतों से निर्वाचित नारायण त्रिपाठी ने 27 अगस्त 2015 को विधानसभा से इस्तीफा दिया था। इसके 6 माह बाद वे एक फिर विधायक बन गए। लेकिन इस बार उनकी जीत का अंतर पिछले चुनाव की अपेक्षा चार गुना बढ़ गया। पिछला चुनाव उन्होंने करीब 7 हजार मतों से जीता था।

सीएम ने लगाया एड़ी चोटी का जोर
त्रिपाठी के कमल थामने के बाद से सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मैहर विधानसभा क्षेत्र में घोषणाओं की बौछार कर दी। 18 अगस्त 2015 को सीएम के समक्ष नारायण त्रिपाठी ने भाजपा का दामन थामने की औपचारिक घोषणा की थी। इसके बाद से मैहर में सीएम ने करोड़ों की सौगात दे दी। सीएम भाजपा प्रत्याशी नारायण का नामांकन दाखिल कराने के साथ-साथ चुनाव के पूर्व तीन दिन मैहर में डेरा डाले रहे। इस दौरान उन्होंने आधा सैकड़ा से अधिक सभाएं कीं।

विधानसभा चुनाव 2013
कांग्रेस- नारायण त्रिपाठी- 48306
भाजपा- रमेश प्रसाद पांडे- 41331
बसपा- मनीष पटैल- 40561

विधानसभा उपचुनाव 2016
भाजपा- नारायण त्रिपाठी- 82658
कांग्रेस- मनीष पटैल- 54377
बसपा- रामलखन- 9892

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