भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने राज्य सरकार से कैफियत जानना चाही है कि व्यापम महाघोटाले के आरोपी और मुख्यमंत्री के रिश्तेदार डाॅ. गुलाबसिंह किरार पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अतंर्गत आने वाले ‘‘मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग’’ के आज भी सदस्य हैं और क्या आज भी उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है?
श्री मिश्रा ने कहा है कि मप्र शासन द्वारा वर्ष 2016 की प्रकाशित शासकीय डायरी के पृष्ठ क्र. 71 पर डाॅ. किरार की इस आयोग में बतौर सदस्य और उन्हें प्राप्त राज्यमंत्री का दर्जा दर्शाया गया है, जबकि डाॅ. किरार और एसटीएफ द्वारा इनाम घोषित आरोपित उनके दो बेटों के विरूद्ध व्यापम महाघोटाले में मामला दर्ज होने के पश्चात जहां राज्य सरकार ने यह सार्वजनिक किया था कि डाॅ. किरार को इस पद से हटा दिया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने भी उन्हें भाजपा से निष्कासित किये जाने की बात कही थी।
श्री मिश्रा ने कहा है कि इन सबके बावजूद इस शासकीय दस्तावेज में उनका नाम प्रकाशित होना यह प्रदर्शित कर रहा है कि मुख्यमंत्री के रिश्तेदार होने के नाते उन्हें राजनैतिक दबाववश नहीं हटाया गया है। लिहाजा, राज्य सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे?