ग्वालियर एयरबेस में घुसपैठ की कोशिश

ग्वालियर। एयरबेस पर फर्जी तरीके से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे दो संदिग्ध लोगों को एयरफोर्स के जवानों ने पकड़ लिया है. पकड़े गए दोनों युवक मुरैना के रहने वाले हैं. एयरफोर्स ने दोनों जवानों को स्थानीय पुलिस को सौप दिया है.

सोमवार की सुबह पकड़े गए युवकों के नाम असगर पुत्र कमल खान, फिरोज पुत्र मुख्तयार खान निवासी माता का पुरा खड़ियार जिला मुरैना बताए गए हैं। एयरफोर्स ने कई घंटों की पूछताछ के बाद दोनों युवकों को महाराजपुरा थाना पुलिस के हवाले किया। इनके पास से मिली 2 आईडी भी जांच के लिए पुलिस को सौप दी हैं। 

पकड़े गए युवकों के नाम असगर खान और फिरोज खान बताए गए हैं. दोनों सोमवार सुबह एयरफोर्स के मुख्य द्वार से अंदर प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. दोनों यहां पहले काम कर चुके अन्य मजदूरों की आईडी से एयरबेस में घुसने की कोशिश कर रहे थे. मुख्य द्वार पर तैनात जवानों ने चैकिंग के दौरान इस गड़बड़ी को पकड़ लिया. एयरफोर्स के अफसरों ने कई घंटों की पूछताछ के बाद दोनों को महाराजपुरा पुलिस थाने के हवाले कर दिया. असगर और फिरोज का कहना है कि वह मजदूरी के लिए एयरबेस जा रहे थे.

महाराजपुरा पुलिस ने दोनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इसके अलावा पुलिस उन दो मजदूरों की भूमिका की भी जांच कर रही है, जिनकी आईडी से असगर और फिरोज एयरबेस में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. वहीं, ठेकेदार भी संदेह के घेरे में हैं.

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गुप्त सूचना भेजने वाले वायुसेना के बर्खास्त अधिकारी रंजीत केके ने दिल्ली पुलिस के सामने ये बात कबूल की है कि उसने ग्वालियर के महाराजपुरा वायुसेना स्टेशन पर संचालित 10-टेट्रा ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में दस माह की ट्रेनिंग ली थी. इस दौरान उसने एयरबेस की रेकी की थी.

पाक के लिए करता था जासूसी
दिल्ली पुलिस ने दिसंबर में रंजीत केके को वायुसेना की गुप्त सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को भेजने के आरोप में पंजाब से गिरफ्तार किया था. रंजीत बठिंडा में भारतीय वायुसेना में पोस्टेड था. सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उसके खिलाफ सबूत मिलने के बाद वायुसेना से उसे बर्खास्त कर दिया गया था. पुलिस जांच में सामने आया है कि रंजीत ने ये जानकारी पिछले साल सितंबर और अक्तूबर में भेजी थी. रंजीत ने ये सभी जानकारी खुद को वरिष्ठ पत्रकार बताने वाली दामिनी नाम की महिला को भेजी थी. महिला ने सूचना देने के बदले 30 हजार रुपए भी दिए गए थे. जो जम्मू-कश्मीर स्थित उसके बैंक में डाली गई थी.

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