नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने बुधवार को व्यंगात्मक लहजे में कहा कि 'देश और दिल्ली में सभी नागरिक पूरी तरह से सुरक्षित है और अपराध के लिए नागरिक खुद ही जिम्मेदार है।' हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस द्वारा लोगों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाने पर यह व्यंगात्मक टिप्पणी की है।
जस्टिस बी.डी. अहमद और संजीव सचदेवा की पीठ ने टिप्पणी की कि 'देश और राज्य में सभी नागरिक सुरक्षित है और किसी घटना के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराने की जरूरत नहीं है। अगर आपकी हत्या हो जाती है या आप किसी घटना के शिकार हो जाते हैं तो भी आप खुद ही जिम्मेदार हैं।'
पीठ ने केंद्र और दिल्ली पुलिस के रवैये पर नाराजगी जाहिर करते हुए टिप्पणी की। पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि दिल्ली के 10 थानों में पायलट परियोजना के तहत सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। इस पर पीठ ने कहा कि वर्ष 2003-04 में दिल्ली के 108 थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, आखिर 13 साल बाद सिर्फ दस थानों में ही सीसीटीवी कैमरे लगाने की पायलट परियोजना क्यों।
हाईकोर्ट ने कहा कि हमें बड़ा दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 13 साल थानों में सीसीटीवी कैमरा लगा होने के अनुभव होने के बावजूद पुलिस पायलट परियोजना शुरू कर रही है। दिल्ली पुलिस ने पीठ को बताया कि जिन 108 थानों में सीसीटीवी कैमरे वे काम नहीं कर रहे हैं।