मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पूछा कि यूट्यूब क्या है? वह कैसे काम करता है? क्या यह पब्लिक प्लेटफॉर्म है? यह भी जानना चाहा है कि ऑनलाइन कंटेंट कैसे काम करता है। ये सवाल हाईकोर्ट ने तब पूछे गए, जब वह दिसंबर 2014 में वीडियो शेयरिंग वेबसाइट यूट्यूब पर एआईबी रोस्ट कार्यक्रम को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी।
लॉ कॉलेज की फेकल्टी शर्मिला घुघे ने एआईबी के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और करण जौहर पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से अश्लीलता और अश्लील सामग्री फैलाने पर आपराधिक मामला दर्ज करने की याचिका भी दाखिल की थी। जस्टिस आरवी मोरे और जस्टिस वीएल अचलिया की बेंच के आगे घुघे के वकील ने कहा कि ऑनलाइन माध्यम से अश्लील सामग्री को फैलाने को लेकर गाइडलाइन जारी की जानी चाहिए। हम केवल कोर्ट को आगाह कर रहे हैं, हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। घुघे के वकील के जवाब में दीपिका पादुकोण के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि यू ट्यूब पहले ही चेतावनी देता है और करण जौहर के वकील शिरीष गुप्ते ने कहा कि वेबसाइट पहले आयु के बारे में पूछता है।