मुरैना। जिले की बोर्ड परीक्षा केन्द्र निर्धारण में षिक्षा विभाग एवं प्रशासनिक अधिकारियों की मनमानी का मामला देखने में आया है। अधिकारियों ने बोर्ड के प्रावधानों के विपरीत परीक्षाकेन्द्र बनाने के लिये गठित समिति की अनुषंसा के बगैर ही जिले के पहाड़गढ़ कस्बे में एक के बजाय दो परीक्षाकेन्द्र बना दिये। जबकि परीक्षाकेन्द्र प्रस्तावित करने के लिये गठित समिति ने कस्बे में एक ही परीक्षाकेन्द्र बनाये जाने की अनुषंसा की थी। यही नहीं परीक्षाकेन्द्र बनाते समय इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि विद्यालय के छात्र उसी विद्यालय में परीक्षा केन्द्र बनाना बोर्ड के नियमों के मुताबिक बर्जित है।
जानकारी के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं के लिये परीक्षाकेन्द्र बनाने के लिये तहसील स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी की अध्यक्षता में मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं ब्लाॅक षिक्षा अधिकारी की समिति गठित किये जाने का प्रावधान है। इसी समिति की अनुषंसा के आधार पर विकास खण्ड स्तर पर परीक्षाकेन्द्र बनाये जाते है। सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार परीक्षाकेन्द्र बनाने के उद्देष्य से पहाडगढ विकास खण्ड स्तरीय समिति द्वारा कस्बे के उत्कृश्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को परीक्षाकेन्द्र बनाने की अनुषंसा की थी। लेकिन समिति सहित षिक्षा विभाग से जुड़े कई लोग उस समय अचंभित रह गये जब परीक्षा केन्द्रों की सूची में उत्कृश्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के अतिरिक्त निर्माणाधीन माॅडल स्कूल को भी अधिकारियों ने परीक्षा केन्द्र बनाकर अपनी मनमानी का परिचय दे डाला। बताया जाता है कि उक्त निर्माणाधीन भवन मंे अभी तक ना तो पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध है और नां ही परीक्षाकेन्द्र बनाये जाने के मानकों पर खरा उतरता है।
बोर्ड नियमों के विपरीत अपने ही विद्यालय में देंगे परीक्षा
मध्यप्रदेष बोर्ड आॅॅफ एजूकेषन के दिषा निर्देषों के तहत बनाये गये परीक्षाकेन्द्रांे पर उसी विद्यालय के परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे सकते हैं। हाल ही में अधिकारियों द्वारा मनमानी पूर्वक बनाये गये परीक्षा केन्द्र पर माॅडल स्कूल के परीक्षार्थी उसी विद्यालय में परीक्षा देंगे जहां उन्होंने अध्ययन किया है। कमोबेष परीक्षा में ड्यूटी देने बाले षिक्षक भी वहीं होंगे जिन्होंने उन्हें पढ़ाया है। बताया जाता है कि विद्यालय में माॅडल स्कूल के छात्रों एवं एक्सीलेंस स्कूल के छात्रों ने संयुक्त रूप से अध्ययन किया है। इस कारण परीक्षा केन्द्र पर विद्यालय के अध्ययनरत छात्रों के परीक्षा देने से बोर्ड एवं परीक्षा नियमों की खुलेआम अनदेखी चर्चा का बिशय है।
ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षाकेन्द्र बनाने उपजे संदेह
जिले में इस बार लगभग आधा दर्जन परीक्षाकेन्द्र एसे स्थानों पर बनाये गये हैं जहां प्रषासन को नकल रोकने में कड़ी कषक्कत करनी पड़ेगी। जानकारी के अनुसार माॅडल स्कूल पहाड़गढ़ को अधिकारियों की बगैर अनुषंसा के परीक्षा केन्द्र बनाये जाने के अलावा जिले के गलेथा,बरेह,गोठ,एवं माॅडल स्कूल जौरा को भी परीक्षाकेन्द्र बनाया गया है। इनमें से कुछ विद्यालय तो महज मिडिल स्कूल हैं जहां परीक्षा के अनुरूप संसाधन भी उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण ग्रामीण क्षे़त्रों में बनाये गये परीक्षाकेन्द्रों से अधिकारियों की नकल रोकने की नियत पर संदेहास्पद बन गई है।
नियम तो है,पालन नहीं होने के संबंध में डी.ई.ओ से बात करो
इस संबंध में उप मण्डल कार्यालय के क्षेत्राधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बोर्ड का परीक्षाकेन्द्र बनाये जाने के संबंध में विकास खंण्ड स्तर पर गठित समिति की अनुषंसा को अनिवार्य बताया। जब उनसे पहाड़गढ़ माॅडल स्कूल में परीक्षा केन्द्र बनाये जाने के संबंध में जिला षिक्षा अधिकारी से बात करने की कहा।
आर.एस.बरैया
बोर्ड क्षेत्राधिकारी
किसने बता दिया उसी विद्यालय में देंगे परीक्षा
इस संबंध में जिला षिक्षा अधिकारी आर.एस.नीखरा से बात की गई तो उन्होंने इस संवाददाता से ही प्रति प्रष्न करते हुए कमेटी की अनुषंसा का नियम के बजूद को नकारते हुए पूछा कि यह नियम किसने बता दिया। वे पहाड़गढ़ माॅडल स्कूल को समिति की अनुषंसा के बगैर परीक्षा केन्द्र बनाये जाने के सबाल का कोई संतोशजनक जबाव नहीं दे सके।
आर.एन.नीखरा
जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना