जबलपुर। हाईकोर्ट के निर्देश पर जेडीए के पूर्व सीईओ ने समदड़िया मॉल को लेकर 17 पन्नों की जो रिपोर्ट बनाई थी अध्यक्ष उसे 19 दिन बाद भी नहीं पढ़ पाए हैं। लिहाजा अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
बता दें कि समदड़िया मॉल की जमीन को लेकर पूर्व सीईओ अवध श्रोत्रिय ने अपनी जांच पूरी कर लीज निरस्त करने अनुमोदन 20 जनवरी को कर दिया था, लेकिन अध्यक्ष अनुमोदन करते इससे पहले ही अगले दिन सीईओ का तबादला आदेश आ गया। इसके बाद से लेकर अभी तक 19 दिन बीत चुके हैं, लेकिन जेडीए अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा रिपोर्ट नहीं पढ़ पाए हैं। इसी वजह से उसमें निर्णय नहीं हो सका। मजेदार बात यह है कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद जेडीए ने जिस मामले की जांच में 6 माह मेहनत की उसकी रिपोर्ट तैयार होने के बाद निर्णय लेने में अध्यक्ष को इतना समय लग रहा है जबकि रिपोर्ट महज 17 पन्नों की है जिसे एक घण्टे में पढ़ा जा सकता है।
कब क्या हुआ
17 जून 2015 हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता यदि 2 सप्ताह में प्रतिवेदन पेश करता है तो समदड़िया बिल्डर्स को सुनवाई का अवसर देकर जेडीए परीक्षण करे और उचित कार्रवाई करे।
07 अगस्त 2015 को जेडीए ने याचिकाकर्ता का 14 बिंदुओं का अभ्यावेदन संलग्न कर 7 दिन में जवाब के लिए समदड़िया बिल्डर्स को नोटिस जारी कर दिया था।
14 अगस्त को बिल्डर्स ने आवेदन देकर एक माह का समय मांगा।
17 अगस्त को जेडीए ने आवेदन पर विचार कर बिल्डर्स को पक्ष रखने 15 दिन का समय दिया।
01 सितम्बर को बिल्डर्स ने आवेदन देकर फिर एक माह का समय मांगा।
जेडीए ने मानवीय आधार पर अंतिम मौका देते हुए 21 सितम्बर तक का समय दिया।
फिर पहुंचे न्यायालय
जेडीए का समय खत्म होने के पूर्व ही समदड़िया बिल्डर्स ने हाईकोर्ट में रिव्यू याचिका दायर कर दी। याचिका में उन्होंने बताया कि मामले की जांच लोकायुक्त में प्रचलित है इसलिए जेडीए द्वारा की जा रही जांच को रोकते हुए उन्हें राहत दी जाए लेकिन अक्टूबर में याचिका खारिज हो गई। इसके बाद जेडीए ने जांच शुरू कर रिपोर्ट तैयार की।