नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन वर्ष 2015-16 के लिए ब्याजदर में बढोतरी के बजाए अपने अंशदाताओं को 750 करोड़ रुपए का बोनस देने का विचार कर रहा है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो संगठन के 5 करोड़ अंशदाताओं में से ढाई करोड़ अंशदाताओं को इस साल बोनस का लाभ मिल सकता है। ईपीएफओ सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की 16 फरवरी को होने वाली बैठक में ब्याज दर बढ़ाने अथवा बोनस देने दोनों पर चर्चा की जाएगी। निर्णय के बाद वित्त मंत्रालय इसे अधिसूचित कर देगा। बोनस उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने लगातार 12 माह तक अंशदान किया हो।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार अपनी तरह का यह पहला कदम है जब संगठन अपने अंशदाताओं को वन-टाइम बोनस का भुगतान करने पर विचार कर रहा है। यदि इस प्रस्ताव को अनुमति मिल जाती है तो यह भी पहली बार होगा जब अंशधारकों को दो अंकों में अपने रिटायरमेन्ट फंड का रिटर्न मिलेगा। गौरतलब है कि ईपीएफओ ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8.95 फीसदी ब्याज देने का प्रस्ताव किया था। वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर एतराज जताते हुए कहा था कि इससे अन्य बचतों पर भी ब्याज बढ़ाने का दवाब पड़ेगा।
सूत्रों के अनुसार बोनस के प्रस्ताव का कुछ मजदूर संगठन विरोध भी कर सकते हैं। आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ के बृजेश उपाध्याय का कहना है कि हमें यह विचार पसन्द नहीं है क्योंकि इसका लाभ सभी को न होकर कुछ ही लोगों को होगा। इस समान रूप से बांटा जाना चाहिए।