
इस हिसाब से मप्र के विधायकों का वेतन व भत्ता 71 हजार रुपए से बढ़कर एक लाख 5 हजार से लेकर एक लाख 10 हजार रुपए तक हो सकता है। संसदीय कार्य विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग ने मंगलवार देर शाम इस मसौदे को अंतिम रूप दिया। इससे पहले वित्त विभाग की मंजूरी ली गई। साथ ही वित्तमंत्री जयंत मलैया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की। बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में एक्स एजेंडे के तौर पर यह लाया जाएगा।
पिछले दो दिनों से मंत्रालय में वेतन भत्तों को लेकर कवायद चल रही थी। अंतत: मुख्यमंत्री ने कटौती के साथ प्रस्ताव कैबिनेट में लाने पर सहमति दी। नए मसौदे के बाद विधानसभा अध्यक्ष का वेतन भत्ता करीब पौने दो लाख रुपए हो जाएगा, जो मुख्यमंत्री व मंत्री से अधिक होगा।