मध्य प्रदेश के दतिया से कुछ किमी दूरी पर स्थित भगवान बालाजी (सूर्यदेव) की संपत्ति सिर्फ घी है। यह घी एक-दो क्विंटल नहीं बल्कि 5 हजार क्विंटल से भी अधिक है। करीब 500 साल तक भक्तों द्वारा घी चढ़ाए जाने के कारण यह मंदिर की स्थायी संपत्ति बन गया है।
तमिलनाडु के पद्मनाभस्वामी मंदिर के सदियों पुराने तहखाने खाेले गए तो उसमें अकूत धन-संपदा के रूप में हीरे, जवाहरात, सोना-चांदी मिली। अरबों-खरबों की इस संपत्ति के मालिक भगवान पद्मनाभस्वामी हैं। इसी तरह देश के अन्य प्रसिद्ध मंदिरों की संपत्ति का ब्यौरा दिया जाता है।दतिया से कुछ किमी दूरी पर स्थित भगवान बालाजी (सूर्यदेव) की संपत्ति सिर्फ घी है। घी को सहेजकर रखने के लिए मंदिर के तहखानों के अलावा हर साल यहां पक्की हौदियां भी बनाईं जाती हैं।
इसलिए चढ़ाते हैं घी
मंदिर कमेटी के सदस्य सुनील पंडा के अनुसार यहां मंदिर स्थापना के साथ ही अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है। भक्तों की मनौती पूरी होने पर यहां शुद्ध घी चढ़ाने की परंपरा रही है। घी को लेकर किंवदंती है कि भगवान भास्कर को चढ़े घी का उपयोग जिसने भी करने का प्रयास किया। वह चर्म रोग से पीड़ित हो गया। उनाव बालाजी में सूर्यदेव का यंत्र स्थापित है। मंदिर 16वीं सदी का माना जाता है।