भोपाल। राजस्थान और महाराष्ट्र में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने में आ रही दिक्कतें खत्म हो गई हैं। इससे मध्यप्रदेश में इस कॉरिडोर में औद्योगिक क्षेत्रों का रास्ता साफ हो गया है। अब नीमच, मंदसौर, रतलाम, धार और झाबुआ जिले में नए उद्योग लग सकेंगे।
जबलपुर से बालाघाट के बीच नैरोगेज रेल लाइन के ब्रॉडगेज कन्वर्जन के लिए भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। ये फैसले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए मुख्य सचिवों के साथ हुई प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्पलीमेंटेशन (प्रगति) मीटिंग में लिए गए।
मध्यप्रदेश की ओर से प्रधानमंत्री को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने प्रदेश के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अंटोनी डिसा से भी मोदी ने राज्य से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रदेश के संबंध में यह महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इनमें प्रमुख इस तरह हैं।
नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में 1600 मेगावाट के लगाए जा रहे विद्युत संयंत्र की सभी कार्रवाइयां पूरी हो गई हैं। इस सुपर थर्मल पावर स्टेशन के लिए 165 एकड़ निजी भूमि दिए जाने का भी अवार्ड पारित कर दिया गया है। यह कार्रवाई आगामी दस दिन में पूरी हो जाएगी। इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव प्रदीप कुमार पुजारी को इस प्रोजेक्ट की जानकारी दी गई।
जबलपुर- बालाघाट नेरोगेज रेल लाइन के ब्रॉडगेज में कन्वर्जन के संबंध में। तिरोड़ी -कटंगी सेक्शन में रेल मंत्रालय को पर्यावरण अनुमति के दिए जाने के संबंध में।
मध्यप्रदेश में ई- डिस्ट्रक्ट प्रोजेक्ट के तहत 101 नागरिक सेवाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा लोक सेवा प्रबंधन विभाग भी लगभग 435 तरह की सेवाएं लोगों को दे रहे हैं।
वृद्धावस्था पेंशन के सुचारू वितरण के लिए आधार पंजीयन से लिंक कर पेंशन दी जा रही है। विशेष अभियान चलाकर कुष्ठ रोग निवारण के प्रयास जारी।
शाजापुर- देवास के बीच बननी है साइंस सिटी
मध्यप्रदेश में दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में नीमच-नयागांव, शाजापुर-देवास, रतलाम-नागदा और पीथमपुर-धार-महू इंवेस्टमेंट रीजन बनाए जाने हैं। इनमें नीमच-नयागांव के बीच रियल लाइम स्टोन होने से सीमेंट उद्योग, एग्री एक्सपोर्ट जोन और मंदसौर में फूड पार्क बनना प्रस्तावित है। शाजापुर-देवास के बीच साइंस सिटी, वेयर हाउसिंग हब, मार्डन टेक्नालॉजी, नॉलेज सिटी, स्किल डवलपमेंट के लिए इंजीनियरिंग ट्रेनिंग सेंटर बनाया जाना है। वहीं, रतलाम-नागदा के बीच टेक्सटाइल्स, केमिकल, कॉपर वायरिंग, इनलेंड कंटेनर डिपो एंड टर्मिनल।