भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्व विद्यालय को संघ परिवार का प्रादेशिक मुख्यालय बताते हुए प्रामाणिक आरोप लगाया है कि इस विश्व विद्यालय में पत्रकारों के स्थान पर आरएसएस के स्वयं सेवक तैयार किये जा रहे हैं। यही नहीं संघ की मनुवादी विचारधारा के आधार पर ही दलित छात्रों को परेशान भी किया जा रहा है।
आज यहां जारी अपने बयान में श्री मिश्रा ने कहा है कि एमफिल के अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र महेश ममोरे ही नहीं ऐसे सैकड़ों छात्र हैं, जिनके छात्रवृत्ति और आवास भत्ता दिये जाने के वाजिब हकों को न केवल छीना जा रहा है, बल्कि विश्व विद्यालय प्रशासन के विरूद्ध वैधानिक असहमति के स्वर कहने पर 1000 से लेकर 2500 रूपयों तक से दंडित कर उन्हें सत्र के मध्य में ही विश्वविद्यालय से बाहर का रास्ता दिखाने में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। जिसकी वजह से विश्व विद्यालय में स्वस्थ शैक्षिणिक वातावरण निर्मित नहीं हो पा रहा है इसके चलते काबिल पत्रकारों की पीढ़ी का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
श्री मिश्रा ने विश्व विद्यालय के कुलपति डाॅ. बी.के. कुठियाला सहित कई प्राध्यापकों पर संघ का कार्यकर्ता होने का प्रामाणिक आरोप लगाते हुए कुछेक तस्वीरें भी जारी की हैं, जो प्रामाणित कर रही हैं कि विश्व विद्यालय परिसर में कक्षाओं से अधिक आरएसएस की शाखाएं लग रही हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव द्वारा दिल्ली से दिये गये निर्देशोपरांत श्री मिश्रा ने आज दलित छात्र महेश ममोरे से चर्चा कर पार्टी की ओर से उन्हें पूरा सहयोग एवं संरक्षण दिये जाने का विश्वास दिलाते हुए कहा है कि राज्य सरकार विश्व विद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और मनुवादी विचारधारा के परिपालन में दलित छात्रों पर होने वाले राजनैतिक आतंकवाद को रोकें, अन्यथा विश्व विद्यालय में व्याप्त दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ कई रोहित वेमुला बनने के लिए विवश होंगे, जिसकी संपूर्ण जबावदारी विश्व विद्यालय के संघी कुलपति, विश्व विद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार की होगी।