ग्वालियर। होली कब है, कब है होली....। कालजयी फिल्म शोले के पात्र डाकू गब्बर सिंह का यह मशहूर डायलॉग एक बार फिर लोगों की जुबां पर चढ़ रहा है। वजह है पंडितों और सरकारी कैलेंडर द्वारा घोषित की गई होली की तारीख को लेकर एक राय ना होना। पंडित कहते हैं कि भद्राकरण होने की वजह से होलिका दहन 23 मार्च को किया जाएगा और धुलंडी यानी होली खेलने का दिन 24 मार्च रहेगा।
लेकिन सरकारी कैलेंडर और अधिकारी पंडितों के इस गणित से इत्तेफाक नहीं रखते। उनके अनुसार होलिका दहन 22 मार्च को ही किया जाएगा। 23 मार्च को होली खेली जाएगी। सरकारी छुट्टी भी सिर्फ इसी दिन की मिलेगी। ऐसे में इन दिनों आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी तक हर किसी से सिर्फ एक ही बात पूछ रहे हैं। आखिर होली कब है।
कलेक्टर ने घोषित नहीं किया भाईदूज पर स्थानीय अवकाश
कलेक्टर डॉ.संजय गोयल ने इस बार होली के बाद भाईदूज पर स्थानीय अवकाश घोषित नहीं किया है लेकिन पिछले साल भाईदूज पर स्थानीय अवकाश घोषित किया था। कलेक्टर कार्यालय के कर्मचारियों ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि इस बार होली वाले सप्ताह में द्वितीय शनिवार पड़ रहा है। सरकारी कैलेंडर के अनुसार अगर कलेक्टर 24 मार्च को पड़ रहे भाईदूज पर लोकल हॉलीडे घोषित कर देते तो इसके अगले दिन 25 मार्च को गुड फ्राइडे की छुट्टी और इसके अगले दिन 26 मार्च को द्वितीय शनिवार की छुट्टी पड़ जाती। ऐसा होने से 23 मार्च से लेकर 26 मार्च तक लगातार सरकारी दफ्तर बंद करना पड़ जाते। इसलिए कलेक्टर ने भाईदूज पर लोकल हॉलीडे घोषित नहीं किया। स्पष्ट है कि 23 मार्च को ही होली की सरकारी छुट्टी रहेगी।
कलेक्टर ने इस बार भाईदूज पर स्थानीय अवकाश घोषित नहीं किया है। सिर्फ 23 मार्च को ही छुट्टी रहेगी। इसके बाद 24 मार्च को कोई सरकारी छुट्टी नहीं है। शासकीय अवकाश सरकारी कैलेंडर के हिसाब से घोषित किए जाते हैं। पंडितों के मतों के अनुसार नहीं।
शिवराज वर्मा, एडीएम, ग्वालियर