मंडला जिले सान्ही मोहगांव में वनकर्मियों पर तीन आदिवासी युवकों की बेरहमी से पिटाई करने का आरोप लगा है। जिनमें से एक गंभीर घायल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
आरोप है कि कान्हा नेशनल पार्क के सरही रेंजर वीरेंद्र जामौर ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर तीनों निर्दोष आदिवासियों को लाठी और डंडों से जमकर पीटा। इसके अलावा नदी से मछली पकड़ने झूठे आरोप में जेल भी भिजवा दिया।
पीड़ित प्यारेलाल गोंड ने बताया कि जब वह चार दिनों के बाद जमानत पर रिहा होकर आया, तो इस मामले की पुलिस से शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस ने उन्हें डांट डपटकर थाने से भगा दिया। वनकर्मियों की पिटाई से घायल सुरेश धूमकेती नामक व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है। जिसे इलाज के लिये बिछिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती कराया गया है। निर्दोष आदिवासी युवकों की पिटाई मामले को कांग्रेस मुद्दा बनाकर आंदोलन करने के मूड में नजर आ रही है वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस कुछ भी कहने से इनकार कर रही है।