भोपाल। आजाद अध्यापक संघ के मुखिया भरत पटेल द्वारा फेसबुक पर एक परिपत्र अपलोड करने के बाद 6वें वेतनमान के बावजूद अध्यापक संवर्ग में वेतन विसंगतियां बने रहने का दावा किया जा रहा है। इस मामले में विरोधियों ने भरत पटेल को निशाने पर ले लिया है।
Vijay Vyas ने लिखा है कि
भरत पटेलजी, अगर ये पत्र आपके पास पहले से थे तो फिर आप आज तक वेतनमान में कोई विसंगति नहीं हे इसका क्यों ढोल पीट रहे थे । इस परिपत्र के अनुसार तो सहायक और वरिष्ठ अध्यापको के साथ विसंगति होना निश्चित है। इस परिपत्र में एक बात का उल्लेख है कि अध्यापक वर्ग का गठन 2007 से किया गया है, इसलिये छटवे वेतनमान की शर्त लागू नही होती। पर जिस विद्वान ने ये बात कही है उसे यह समझाया जाये कि गठन अध्यापको ने स्वयं नही किया है, सरकार ने किया है, और शिक्षाकर्मी, संविदा 1998 व 2001 से अपनी सेवाएं दे रहें हैं, फिर गठन 2007 से ही क्यों किया गया। 2001 ,या 2003 से भी किया जा सकता था। चूकि गठन किस दिनॉक से हुआ ये महत्वपूर्ण नही है, महत्वपूर्ण यह है कि कर्मचारी कब से अपनी सेवाएं दे रहा है, इस हिसाब से छटवा वेतनमान की समस्त शर्तो सहित वेतनमान देना होगा, अब देखते हे हमारे सरकार के चाटुकार, चरण वंदना करने वाले और सम्मान करने के प्रबल अभिलाषी हमारे नेता हमें कहाँ ले जाकर छोड़ते हे....
विजय व्यास की इसी पोस्ट पर कई तीखी प्रतिक्रियाएं भी दर्ज की गईं हैं। सबसे तीखी प्रतिक्रिया Dharmendra Singh की ओर से दर्ज कराई गई है। उन्होंने लिखा है 'भरत भाई से भरोसा उठ रहा आज तक कुछ भी हासिल नही हुआ'
अब देखना यह है कि अंतत: अध्यापक संवर्ग इस मामले को किस नजर से देखता है। आप अपनी प्रतिक्रियाएं इस पोस्ट के नीचे कमेंट बॉक्स में भी दर्ज करा सकते हैं।