नईदिल्ली। आसाराम और उनके बेटे नारायण स्वामी के खिलाफ चल रहे यौन शोषण के मामले में तीन गवाहों की हत्या करने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बंगाल के रहने वाले इस आरोपी को गुजरात एटीएस और क्राइम ब्रांच ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा है।
पुलिस का कहना है कि कार्तिक उर्फ दुललचंद हल्दर साल 2000 में आसाराम का अनुयायी बना था। एटीएस अधिकारियों का कहना है कि कार्तिक छत्तीसगढ़ में छुपा हुआ था, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया है। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि कार्तिक ने हथियार चलाने की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी, इसलिए जिन चार लोगों पर गोली चलाई थी वे बच गए हैं।
एटीएस एसपी हिमांशु शुक्ला का बताया कि कार्तिक ने साल 2000 में दिल्ली में आसाराम के सत्संग में हिस्सा लिया था। जनवरी 2001 में उसने आसाराम का मोटेरा आश्रम ज्वाइन कर लिया। उसने बताया कि अन्य साधकों ने गवाहों पर हमले करने के लिए उसकी मदद की थी। उसने अलग-अलग आश्रम के चार साधकों के नाम बताए और कहा कि ये साधक उन्हें आसाराम केस में गवाहों पर हमले के निर्देश दिए थे।
साथ ही अधिकारियों को दावा है कि उसे दस देसी पिस्टल, सात अन्य पिस्टल और 92 राउंड गोलियों को झारखंड और उत्तरप्रदेश से मिले थे। अधिकारियों का साथ ही कहना है कि आसाराम केस में मुख्य गवाह अमरुट प्रजापति की हत्या का जिम्मेदार कार्तिक है, जिसकी जून 2014 में गोलीमारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद दूसरे गवाह कृपाल सिंह को जून 2015 में गोली मारी गई थी। आश्रम में बतौर कुक काम करने वाले अखिल गुप्ता की भी यूपी के मुजफ्फरनगर में जनवरी 2015 में हत्या कर दी गई थी। इन मामलों की चांज सीबीआई कर रही है। 2001 से 2005 के बीच आसाराम के पर्सनल असिस्टेंट रहे महेंद्र चावला को भी मई 2015 पानीपत में गोली मार दी गई थी।