अरविंद पांडेय/नई दिल्ली। मप्र के रीवा, सतना, सागर और उज्जैन सहित बंद पडे करीब आधा दर्जन हवाई अड्डे अब विकसित होंगे। इन सभी का विकास नागरिक उड्डयन मंत्रालय की रीजनल कनेक्टीविटी स्कीम के तहत किया जाएगा। मंत्रालय ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। पहले फेज में देश के करीब 25 हवाई अड्डों के विकास की तैयारी है। इनमें अकेले मध्य प्रदेश के छह हवाई अड्डों को शामिल किया गया है। यह सभी मौजूदा समय में बंद पड़े हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम (आईसीएस) के तहत मध्य प्रदेश के जिन छह हवाई अड्डों को चिन्हित किया है, उनमें रीवा, सतना, सागर, उज्जैन,पन्ना और खंडवा के हवाई अड्डे शामिल है। इनमें पन्ना, खंडवा और सतना के हवाई अड्डे मौजूदा समय में एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया के है, जबकि रीवा, सागर व उज्जैन के हवाई अड्डे राज्य सरकार के नियंत्रण में है। बता दें कि हाल ही में पेश किए गए बजट में भी रीजनल कनेक्टीविटी स्कीम के तहत हवाई अड्डों के विकास के अलग से राशि की व्यवस्था भी की गई है।
मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो योजना में ऐसे ही शहरों को चुना गया है, जो पर्यटन, सांस्कृतिक और धार्मिक जुडाव के नजरिए से काफी खास है। आने वाले दिनों में यहां रीजनल हवाई सेवाओं को विस्तार दिया जा सकता है।