रायपुर। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार को दंतेवाड़ा के पत्रकार प्रभात सिंह की गिरफ्तारी पर नोटिस भेजा है। आयोग ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव विवेक ढांड और पुलिस महानिदेशक एएन उपाध्याय से दो हफ्ते के भीतर पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है।
पत्रकार प्रभात सिंह की गिरफ्तारी पर आयोग में शिकायत की गई थी। शिकायत के तत्काल बाद आयोग ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर दिया। शिकायतकर्ता ने आयोग में शिकायत की है कि पत्रकार प्रभात सिंह को 21 मार्च 2016 की शाम को 6 बजे उनकी दुकान से सादी वर्दी में पुलिस वालों ने हिरासत में लिया। उन्हें परपा पुलिस स्टेशन लेकर गए। वहां पर उनके साथ मारपीट की गई। मारपीट करने के बाद रात भर उन्हें भोजन व पानी तक नहीं दिया गया। छत्तीसगढ़ में मानव अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ ही पत्रकारों से लगातार पुलिस प्रशासन ज्यादती कर रही है। उन्हें बेवजह हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
बस्तर जिले के पुलिस अधीक्षक आरएन दास ने दूरभाष पर बताया कि सोशल मीडिया में आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के आरोप में प्रभात सिंह को आइटी कानून के तहत इस महीने की 21 तारीख को गिरफ्तार किया गया है. सिंह को पुलिस ने अदालत में पेश किया था. जिसके बाद उसे 15 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
प्रभात सिंह के भाई विष्णु सिंह के मुताबिक, प्रभात एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक से स्ट्रिंगर के तौर पर जुड़ा है. पुलिस के खिलाफ लिखने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है.
प्रभात सिंह के भाई विष्णु सिंह ने आरोप लगाया है कि पिछले दिनों बस्तर क्षेत्र के पखनार गांव के जंगल में कथित फर्जी मुठभेड़ को लेकर उसके भाई प्रभात ने समाचार बनाया था जिसके बाद से पुलिस उसके खिलाफ हो गयी है. विष्णु सिंह ने कहा कि प्रभात ने इस महीने की एक तारीख को स्थानीय पत्रकार संतोष तिवारी, महेश राव और सामाजिक एकता मंच के व्यक्ति सुब्बा राव के खिलाफ वाट्सअप समूह में कथित अभद्रता करने के आरोप में पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है लेकिन उसके भाई को फर्जी आरोप में फंसाने की कोशिश की जा रही है.
इधर राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के प्रमुख शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि लोकतंत्र में मीडिया को चौथे स्तंभ के रूप में देखा जाता है लेकिन बस्तर में लगातार पत्रकारों को सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है. यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है. त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस, सिंह की गिरफ्तारी का विरोध करती है.