जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बाल दिवस पर अनुपस्थित रहने के कारण प्रभारी प्राचार्य को अनुपस्थित किए जाने के आदेश को अनुचित पाते हुए रोक लगा दी। इसी के साथ राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया। इसके लिए 30 मार्च तक का समय दिया गया है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति शांतनु केमकर की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता अनूपपुर निवासी राजू केवट की ओर से अधिवक्ता राजेश दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 14 दिसम्बर 2015 को याचिकाकर्ता किसी वजह से स्कूल में हाजिर नहीं हो सका। इसके कारण सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने कठोर कदम उठाते हुए निलंबित कर दिया। चूंकि यह कारण इतना बड़ा नहीं था कि सीधे निलंबित कर दिया जाए, अतः न्यायहित में हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी। इससे पूर्व विभागीय स्तर पर आवेदन-निवेदन किया गया था। एमपी पंचायत अध्यापक संवर्ग रूल-2008 के तहत इस तरह अध्यापकों को प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।