प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कई निर्णय लेने पड़ते हैं। ये निर्णय हमारे जीवन को सही दिशा प्रदान करते हैं। सही निर्णय हमें सफलता की बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं। वहीं गलत निर्णय सफलता की ऊंचाइयों से हमें जमीन पर भी ला सकते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने भागवत गीता में निर्णय लेने कुछ नियम बताए हैं। जिन्हें अपनाकर हर कोई अपने जीवन में बेहतर निर्णय ले सकता है। श्रीमद्भगवत गीता एक ऐसा धार्मिक ग्रंथ है जो हर इंसान के जीवन को एक सही दिशा दे सकती है।
हिंदू धर्म में सभी धार्मिक ग्रंथों को बहुत ही पवित्र माना गया है। उन्हीं ग्रंथों में से एक है श्रीमद भगवद गीता, जिसका पाठ करने से व्यक्ति के सारे दुख-दर्द ठीक हो जाती हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि इसके अध्यायों का पाठ करने से जीवन की कई सारी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। ऐसा भी माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी समस्या का समाधान नहीं मिल रहा हो तो श्रीमद भगवद गीता के अध्यायों का पाठ कर लेने से उस समस्या का हल जरूर मिलता है। लेकिन आज के समय की अगर बात करें तो इतना समय किसी के पास नहीं कि वह सम्पुर्ण गीता पढ़ या सुन सके। तो इसके लिए हम आपके लिए Shrimad Bhagwat Geeta - Gita Saar (Hindi) 2020: भाग 1 से भाग 6 तक का बुक बनाये, ताकि आप समय अनुसार सारे भागो को पढ़ कर भगवत गीता सार को समझकर अपने जीवन में उतार सके ।
कहते हैं कि Shrimad Bhagavad Geeta एक अध्याय कुछ श्लोको को रोजाना पढ़ना चाहिए। इससे आपको पूरी श्रीमद्भागवत पढ़ने का फल मिलेगा और इसके साथ आपको आपकी परेशानियों का हल मिलेगा।
श्रीमद्भगवत गीता के छठे अध्याय में श्रीकृष्ण कहते हैं कि हमें अपने मस्तिष्क को संतुलित करके चलना चाहिए। इसलिए कोई भी निर्णय तब नहीं लेना चाहिए जब हम बहुत ज्यादा खुश या दुखी हैं। Click here to download free sample from Google Play Store. Paid version (₹35) also available.