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सीपीसीटी परीक्षा में स्वयं का कीबोर्ड ले जाने की अनुमति होनी चाहिए

आज कंप्यूटर निपुणता प्रमाणन परीक्षा (सीपीसीटी) सम्पन्न की गई जिसमे कई विद्यार्थी सम्मिलित हुए। सम्मिलित विद्यार्थ्यिों मे कुछ विद्यार्थी ऐसे भी थे जो समय रहते अपना एड्मिट कार्ड विभाग की वेब साइट से डाउनलोड नहीं कर पाये ओर कुछ एसे भी थे जिन्होने केवल एक ही एडमिटकर्ड डाउनलोड किया।

इसमे विभाग की थोड़ी सी यही भिन्नता रही की उनके द्वारा परीक्षा सम्पन्न होने एक दिन पहले ही वेब साइट से हाल टिकिट डाउनलोड का आॅप्शन हटा दिया जिससे कई विद्यार्थी अपना एड्मिट कार्ड डाउनलोड नहीं कर पाये। विभाग का एक दिन पहले वेब साइट से हाल टिकिट हटाने के पीछे शायद कोई ओर तर्क विशेष रहा होगा। पर मेरे हिसाब से यह सही नहीं था, क्योकि इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी मे इंसान को कोन सा कम कब करना है यह समय से पहले निश्चित नहीं कर पाता है।

पर मुझे यह जानकार बेहद खुशी ओर विभाग पर गर्व महसूस हुआ की (यह मुझे विभाग के टोल फ्री दूरभाष से पता चला) जिन विद्यार्थियों के एड्मिट कार्ड समय रहते डाउनलोड नहीं कर पाये या दो मे से कोई एक एड्मिट कार्ड डाउनलोड नहीं कर पाये उनके लिए विभाग द्वारा परीक्षा केंद्र को एड्मिट कार्ड उपलब्ध कराने की ओर स्वप्रमाणित करने की अनुमति दे दी गई थे।

क्योकि यदि किसे के अरमान यदि किसी गलती के कारण पूरे नहीं होते है तो बहुत ही दुख महसूस होता है। पर गलती होने पर भी कोई उन अरमान को पूरा करने मे मदद करता है तो उसका सोभाग्य ही होगा क्योकि जो दुख अरमान के पूरा नहीं होने पर होगा उससे कई गुणी खुशी अरमान (गलती को सुधारने का मोका दे दिये जाने पर) के पूरा होने पर होती है। इसमे परीक्षा केंद्र (मेरा एक्जाम सेंटर कॉर्पोरेट ग्रुप ऑफ इन्सटीयूट) की भी अहम भूमिका रही।

आज परीक्षा मे कई विद्यार्थियों को परीक्षा हाल मे यह परेशानी भी रही की परीक्षा केंद्र द्वारा उपलब्ध कराये गए की बोर्ड सही से चल नहीं पाये। जिसके कारण विद्यार्थी समय रहते टायपिंग का कार्य पूरा नहीं कर पाये ओर उनको असुविधा महसूस हुई। इस समस्या को हटाने के लिए विभाग से मेरा एक निवेदन है की जिस तरह पूर्व मे टंकण परीक्षा मे टायपिंग हेतु विधायर्थी को स्वयं का टाइप राइटर ले जाने की अनुमति थी ठीक उसी प्रकार विद्यार्थी को स्वयं का की बोर्ड ले
जाने की अनुमति दी जाए जिससे परीक्षा के समय विद्यार्थी को की बोर्ड से संबन्धित कोई असुविधा न हो ओर यदि हो भी तो उसका जिम्मेदार विभाग को न ठहराए जाए। 
आशा है विभाग ओ मेरा यह सुझाव पसंद आयेगा

Rajesh Kumar (Deo)
Mo.9685434442

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