इंदौर लाए जाएंगे उत्तराखंड के बागी विधायक

उत्तराखंड के राजनीतिक संकट अब राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गया है. भाजपा ने मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. वहीं, कांग्रेस ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर भाजपा पर राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

राज्य में मचे राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस के नौ बागी विधायकों पर अब हर किसी की नजर टिकी हुई है. ये बात किसी से छुपी नहीं है कि कांग्रेस के बागी विधायकों से भाजपा के नेता लगातार संपर्क में है.

विधानसभा में हरीश रावत को अगले सप्ताह अपना बहुमत साबित करना है. ऐसे में भाजपा बागी विधायकों को अपने पाले में रोकने के लिए उत्तराखंड से बाहर ले जाने की रणनीति पर काम कर रही है. इस रणनीति के तहत कांग्रेस के बागी विधायकों को इंदौर लाया जा सकता है.

दरअसल, भाजपा के मिशन 'उत्तराखंड' की पूरी कमान इंदौर के भाजपा नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संभाल रखी है. विजयवर्गीय की रणनीति के तहत कांग्रेस के इन बागी विधायकों को 'सुरक्षित' रखने के लिए इंदौर लाया जा सकता है.

14 साल पहले भी आए थे बागी विधायक
महाराष्ट्र में वर्ष 2002 में राजनीतिक संकट के दौरान भी इंदौर को विधायकों के लिए सुरक्षित ठिकाने के रूप में चुना गया था. एनसीपी ने अपने 40 विधायकों को भाजपा-शिवसेना से बचाने के लिए चार्टर्ड विमान से इंदौर भेजा था.

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