जेलों में जैमर के लिए मप्र सरकार के पास पैसा नहीं है

भोपाल। मध्य प्रदेश की एक दर्जन जेलों में फिलहाल आधुनिक जैमर नहीं लग सकेंगे। प्रदेश की माली हालत खराब होने के कारण इन जेलों में जैमर लगाने की अनुमति ही नहीं मिल सकी है। नतीजे में फिलहाल केंद्रीय जेलों में जैमर नहीं लग सकेंगे।

सूत्रों की मानी जाए तो प्रदेश की केंद्रीय जेलों में सात करोड़ रुपए की लागत से मोबाइल के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए जैमर लगाए जाने की योजना जेल मुख्यायल की थी। इस योजना को लेकर प्रस्ताव बनाया गया। प्रस्ताव जेल विभाग ने मंजूर कर वित्त विभाग को भेज दिया। वित्त विभाग ने आधुनिक जैमर लगाने के लिए फिलहाल राशि देने से इंकार करते हुए प्रस्ताव को वापस कर दिया है।

दरअसल अभी भी कुछ जेलों में मोबाइल जैमर लगे हुए हैं, लेकिन उनकी रेंज अब कम हो चली है। नतीजे में जेल के कई हिस्सों में मोबाइल नेटवर्क आ जाता है। जेलों में मोबाइल पहुंचाने की भी बहुत शिकायतें मुख्यालय के पास आती रही है। इन शिकायतों से मुक्ति पाने के लिए आधुनिक जैमर लगाने पर विचार किया गया था।

इन जेलों में  लगना थे जैमर
भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, सतना,  रीवा, ग्वालियर, सागर, नरसिंहपुर, बड़वानी और होशंगाबाद के केंद्रीय जेलों में मोबाइल जैमर लगाने की योजना थी।

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