भोपाल। राजधानी समेत प्रदेश के विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों के कैंपस में पेट्रोल और डीजल वाहनों के प्रवेश पर राेक लग सकती है। ऐसे वाहनों की पार्किंग कैंपस से बाहर होगी। केवल सीएनजी, बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक और सोलर से चलने वाले वाहन ही कैंपस में आ सकेंगे।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों को ग्रीन कैंपस में बदलने का निर्णय लिया है। इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। इसके तहत कैंपस का मास्टर प्लान तैयार करना होगा। जिसमें अगले पांच सालों में पेट्रोल व डीजल सहित अन्य परंपरागत ऊर्जा का उपयोग 25 प्रतिशत तक घटाने का लक्ष्य बताना होगा। ग्रीन कैंपस के लिए मंत्रालय की ओर से पांच लाख रुपए तक की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
यह पहली बार है जब यूजीसी ने इस तरह का कदम उठाया है। इससे पहले वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर निर्देश दिए गए थे। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय(आरजीपीवी) के कुलपति प्रो. पीयूष त्रिवेदी के अनुसार यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के नव एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए डेवलपमेंट ऑफ सोलर सिटीज प्रोग्राम के तहत किया जा रहा है। आरजीपीवी ने जापान सरकार की मदद से परिसर में ही एक मेगावाट ऊर्जा पैदा करने के लिए सोलर पैनल पर काम शुरू कर दिया है। कुलपति का कहना है कि जल्द ही डीजल वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगाई जाएगी।