भोपाल। विधानसभा में फर्जी नियुक्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी समेत 27 आरोपियों को चालान की कॉपी बांटना ही पुलिस के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है। पुलिस चालान की फोटोकॉपी कराने में ही 1 लाख रुपए खर्च कर चुकी है, बावजूद इसके चालान के पेजों के आगे पीछे हो जाने के कारण सोमवार को उसे कोर्ट में डांट खानी पड़ गई।
गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले में 7 हजार पेज का चालान पेश किया है, जिसमें कुल 27 लोगों को आरोपी बनाया गया है। कोर्ट प्रोसीजर के तहत सभी आरोपियों को चालान पेश होने के बाद उसकी कॉपी देना जरूरी है। पुलिस ने चालान पेश कर भारीभरकम हार्डकॉपी के बजाए सीडी में सॉफ्ट कॉपी ही प्रत्येक आरोपी को थमा दी थी लेकिन आरोपियों के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताते हुए हार्डकॉपी की मांग की। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने बाकायदा टेंडर जारी कर चालान के 27 सेट यानी 1 लाख 89 हजार पेज फोटो कॉपी कराकर उन्हें सौंप दिए।
सोमवार को विशेष न्यायाधीश काशीनाथ सिंह की कोर्ट में दिग्विजय सिंह और श्रीनिवास तिवारी पर आरोप तय होने के लिए जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, उनके वकीलों ने पुलिस द्वारा चार्जशीट के कई पन्नो गायब होने और उल्टे पुल्टे होने की शिकायत कोर्ट से कर दी। आरोपियों की वकीलों का कहना था कि अधूरे और उल्टे पुल्टे पन्नों के कारण उन्हें चालान समझ में ही नहीं आ रहा है। इसलिए वे बहस नहीं कर सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने जहांगीराबाद पुलिस को फटकार लगाते हुए सभी उल्टे पुल्टे पन्नों के चालान की कॉपी वापस लेकर संपूर्ण और व्यवस्थित कॉपी कराकर फिर से आरोपी पक्ष के वकीलों को देने के निर्देश देते हुए सुनवाई की तारीख 30 मार्च तक के लिए बढ़ा दी।
तिवारी और दिग्गी ने लगाया हाजिरी माफी आवेदन
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की ओर से सोमवार को कोर्ट में हाजिरी माफी आवेदन पेश कर सुनवाई की तारीख पर हाजिर होने से छूट देने की मांग की गई। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।