‘आपका विवेक स्पष्ट होना चाहिए, आपको अपनी सकारात्मकता तथा अपने प्रति लोगों की सकारात्मकता पर ध्यान देना चाहिए। ज्यादातर लोग सकारात्मक हैं लेकिन नकारात्मक लोग बहुत ज्यादा चिल्लाते हैं इसलिए हम ढेर सारी नकारात्मक बातें सुनते हैं। नकारात्मक लोग कम हैं लेकिन वे चिल्लाते हैं तो हम उन्हें सुनते हैं और हमें महसूस होता कि वे बहुत सारे हैं।’ यह कहना है मशहूर फिल्म अभिनेता आमिर खान का।
असहिष्णुता पर अपने बयान से खड़े हुए विवाद का सामना कर चुके आमिर ने कहा है कि इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह क्या करते हैं क्योंकि कुछ लोग उनके विरुद्ध सवाल तो हमेशा ही उठाएंगे और नकारात्मक लोग अधिक शोर मचाते हैं। बढ़ती असहिष्णुता पर अभिनेता की टिप्पणी पर पिछले साल विभिन्न वर्गों से कड़ी प्रतिक्रिया आई थी। आमिर (51) से सोमवार जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं क्या महसूस करता हूं, उसे ज्यादातर दर्शक जानते हैं। उनके साथ मेरा संबंध 27 सालों से भी अधिक का है। अतएव, जो लोग मुझ पर सवाल उठाते हैं, वे मेरे विरूद्ध पूर्वग्रह से ग्रस्त हैं। मैं क्या करता हूं, उससे फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि सवाल तो करेंगे ही। ’
‘लगान’, ‘मंगलपांडे’ और ‘रंग दे बसंती’ जैसी देशभक्तिपूर्ण फिल्में कर चुके अभिनेता ने कहा,‘देशभक्ति के लिए, आपके दिल में प्यार के साथ समाज एवं लोगों के प्रति संवेदनशीलता होना जरूरी है। आमिर ने कहा कि उनके लिए देशभक्ति का मतलब समाज और लोगों के जीवन में सुधार लाने में उनकी मदद करना है। ‘मेरे लिए यही देशभक्ति है।’