डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी। विजय माल्या के अरबों रुपए कर्ज लेकर देश छोड़ देने के मामले में सोशल मीडिया सबसे ज्यादा वाइब्रेंट नजर आया। विजय माल्या के फोटो, कार्टून, ट्वीट और ब्लॉग पोस्ट को लोगों ने निशाना बनाया। लिखा गया कि कर्ज लेकर अमीर आदमी देश छोड़ देता हैं और गरीब आदमी दुनिया। एक ही देश में कर वसूली के लिए दो अलग-अलग कानून हैं। माल्या जैसों के लिए अलग कानून हैं और किसानों के लिए अलग। आमतौर पर शराब पीने वालों की बर्बादी के किस्से सुनाए जाते हैं, पहली बार शराब बनाने वाला दीवालिया हुआ।
विजय माल्या का जिगरा है कि देश छोड़कर भाग जाने के बाद भी वे अपने आपको इंटरनेशनल बिजनेसमैन होने के दावे ट्विटर पर लिख रहे हैं। यह भी लिख रहे हैं कि मैं देश छोड़कर भागा नहीं हूं। मैं अपनी बात कानूनी रूप से सबके सामने रखूंगा। विजय माल्या के ट्वीट को लोगों ने चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण माना।
अब विजय माल्या के बारे में एक-एक बात सामने आ रही हैं। इसी बीच ईडी ने उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दाखिल किया है। लोग विजय माल्या की एयरलाइंस और मुंबई इंडियंस की बैटिंग लाइन की तुलना कर रहे हैं कि दोनों कैसे एक साथ जमीन पर उतरे। लोगों ने इस पर भी लिखा कि कैसे अपने राज्यसभा सांसद होने का हवाला देकर हवाई अड्डे पर गर्लफ्रेंड के साथ विजय माल्या फुर्र हो गए।
विजय माल्या ने राज्यसभा का नामांकन भरते वक्त अपनी संपत्ति के ब्यौरे में लिखा था कि उन पर कोई कर्ज नहीं है। वित्तमंत्री द्वारा प्रस्तुत आम बजट के दौरान सरकारी बैंकों को राहत देने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी। इसी के बाद विजय माल्या का नौ हजार करोड़ के कर्ज के बाद विदेश भाग जाना लोगों को अखर गया। लोग मानते हैं कि बैंकों को संकट से उबारने के लिए जनता के टैक्स की जो राशि खर्च की जा रही हैं, वह करदाताओं के साथ धोखा हैं। अगर विजय माल्या जैसे लोगों को नहीं रोका गया, तो बैंकों की बर्बादी निश्चित हैं।
प्रधानमंत्री द्वारा जन-धन योजना के बारे में दिए गए भाषणों का जिक्र करते हुए लोगों ने चुटकियां ली। किसी में लिखा कि सारा जन-धन लेकर विजय माल्या फरार हो गए, अब वे ब्रिटेन में कैलेंडर छापेंगे, घोड़े दौड़ाएंगे, शराब कंपनियां चलाएंगे। जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा में जाने वाले विजय माल्या को लेकर इन पार्टियों की खिंचाई भी की गई। सबसे ज्यादा तीखी टिप्पणियां प्रधानमंत्री पर हैं। कहा जा रहा है कि कहां तो वे कालाधन लाने की बात कर रहे थे, यहां तो सफेद धन भी विदेश जाकर काला हो रहा है।
सोशल मीडिया पर आम नागरिकों की टिप्पणी से लगता है कि उन्हें कर्ज लेकर घी पीने के मामले में विजय माल्या का रवैया बहुत बुरा लगा। अपनी कंपनियों के नाम मात्र के शेयर होते हुए भी वे दबाव डालकर कंपनियों के चेयरमैन बने रहे, मनमाने फैसले लेते रहे। जो पैसा उन्होंने कंपनियों के शेयर बेचकर पाया था, उन्होंने उसे अपने निजी ऐशो-आराम में उड़ाया।
फिल्मी गासिप पत्रिकाओं के पुराने पन्ने भी वापस हवा में उड़ाए गए, जिनमें सूचनाएं थी कि उनके बेटे ने दीपिका पादुकोण से कैसे अफेयर चलाया और कैसे दीपिका के लिए मुंबई में सोलह करोड़ का फ्लैट खरीदकर गिफ्ट किया। बैंगलुरू की एक सामान्य सी दिखने वाली लड़की को बॉलीवुड के सुपरस्टार के साथ लांच कराने में भी विजय माल्या और उनके सहयोगियों का हाथ रहा।
राज्यसभा का सदस्य बनते ही विजय माल्या ने तमाम संसद सदस्यों को एक गिफ्ट पैक भेजा था, जिसमें कैलेंडर और डायरी के अलावा महंगी शराब की दो बोतलें भी थीं। अधिकांश सांसदों ने या उनके स्टॉफ ने वह गिफ्ट ले लिया था। उस गिफ्ट को विनम्रता से अस्वीकार करने वाले एक मात्र सांसद थे मध्यप्रदेश के अनिल माधव दवे। दवे ने वह उपहार लौटाने के साथ ही विजय माल्या को चिट्ठी भी लिखी थी कि वे इस तरह शराबखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं। उनका यह कृत्य अशोभनीय है।
विजय माल्या की जीवनशैली को लेकर अधिकांश लोगों को आपत्ति है। उन्होंने अपनी कंपनियों की भलाई के लिए काम किए हों या ना किए हों, रिचर्ड ब्रॉन्सन की तर्ज पर दिखावेबाजी में उनका खर्च ज्यादा होता रहा। फिर वे नैतिकता से भी दूर भागते रहे। जब उनके पास अपनी शराब कंपनियों के शेयर बेचने के बाद पैसे आए, तब भी उन्होंने किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं दी। जबकि एयरलाइंस के कई कर्मचारी और उनके परिवार भुखमरी की कगार तक पहुंच गए थे। उनमें से कई तो आत्महत्या भी कर चुके हैं।
विजय माल्या की रंगरेलियों, पार्टियों, महंगी विलासितापूर्ण नौकाओं, प्राइवेट जेट, आईपीएल, कैलेंडरबाजी, घुड़सवारी में करोड़ों रुपया फूंका जाना ऐसी घटनाएं हैं, जो लोगों के मन में उनके प्रति नफरत पैदा कर रही हैं। जो आदमी अपने कर्मचारियों को तनख्वाह तक नहीं देता, लेकिन जन्मदिन की पार्टियों पर करोड़ों रुपए बर्बाद कर देता है, उसके प्रति लोगों के मन में सम्मान होने से रहा।