संपादक महोदय
भोपाल संमाचार
माननीय मुख्यमंत्री आपके नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में तीसरी वार सरकार बनी । पिछले 10 वर्षो से मध्यप्रदेश में आपके द्वारा विकास की गंगा वाही जा रही हैं। किसान, विधार्थी, महिलायें, अधिकारी, कर्मचारी सभी वर्ग प्रदेश में संचालित योजनाओ से खुशहाल हैं। ओर सभी योजनाओ का लाभ ले रहे। पिछले 10 वर्षो में प्रदेश में लाखो बेरोजागार नोजवानांे को आपके द्वारा रोजगार प्रदान किये गये । प्रदेश के लाखो घारो मे आपने खुशियाॅ प्रदान की हैं। वही हजारो नई पद सृजित किये गये। लेकिन पिछले 10 वर्षो में प्रदेश मे पर्यावरण विज्ञान मे उच्चशिक्षित वेरोजगारों को कोई भी रोजगार प्रदान नही किया ।
मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि प्रदेश मे पिछले 35 वर्षो से पर्यावरण विज्ञान मे स्नातकोत्तर/एम॰ फिल॰/पी॰ एच॰ डी॰ की डिग्री मध्यप्रदेश में 6 विश्वविद्यालय द्वारा प्रत्येक वर्ष लगभग 700-900 विघार्थी को प्रदान की जाती है वर्तमान समय में प्रदेश में 10000 हजार से अधिक पर्यावरण विज्ञान मे उच्चशिक्षित बेरोजगारों हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार के अवसर नही प्रदान किये है। प्रदेश में पर्यावरण मंत्रालय है तथा मंत्रालय के अंर्तगत विभिन्न विभाग एंव संस्थान आते है लेकिन पिछले 20 वर्षो से मंत्रालय उससे सम्बधित संस्थानो मे कोई भी रोजगार नही निकला हैं। वहीं प्रदेश की उच्चशि़क्षा में सहायक प्राध्यापक (पर्यावरण विज्ञान) के केवल दो पद स्वीकृत है उसमें से भी एक खाली हैं।
इससे यही प्रतीत होता हैं। कि प्रदेश सरकार को पर्यावरण विज्ञान मे उच्चशिक्षित बेरोजगारों का कोई ख्याल ही नहीं हैं। प्रदेश में स्नातक स्तर के सभी पाठक्रम मे पर्यावरण अध्ययन विषय अनिवार्य के रूप में लागू हैं पर्यावरण अध्ययन विषय के अध्यापन कार्य के लिए प्रदेश मे एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं और पर्यावरण अध्ययन विषय को किसी भी विषय के सहायक प्राध्यापक एंव प्राध्यापक द्वारा पढाया जाता एंव उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाता है प्रदेश में स्नातक स्तर के 10 लाख विघार्थी की जिन्दगी के साथ प्रति वर्ष खिलवाड की जाती हैं।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय,में आपका ध्यान निम्नविन्दुओ पर आपका ध्यान अकर्षित करना चहता हॅू।
1 मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा (कक्षा 1 से 12) में पर्यावरण अध्ययन अनिवार्य विषय के रूप मे लागू है पर पर्यावरण अध्ययन के अध्यापन कार्य के लिए प्रदेश मे एक भी शिक्षक का पद स्वीकृत नहीं।
2 मध्यप्रदेश के सभी महाविद्यालयों की स्नातक स्तर की सभी पाठक्रम में पर्यावरण अध्ययन अनिवार्य विषय के रूप मे लागू पर पर्यावरण अध्ययन के अध्यापन कार्य के लिए प्रदेश के महाविद्यालयों मे एक भी सहायक प्राध्यापक का पद स्वीकृत नहीं।
3 मध्यप्रदेश के महाविद्यालयों की स्नातक एंव स्नातकोत्तर स्तर पर्यावरण विज्ञान विषय के अध्यापन कार्य के लिए प्रदेश के महाविद्यालयों में केवल सहायक प्राध्यापक के केवल दो पद स्वीकृत उसमें से भी एक पद खाली ।
4 मध्यप्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में भी स्नातकोत्तर एंव /एम॰ फिल॰/पी॰ एच॰ डी॰ की कक्षाओं के संचालन के लिए सहायक प्राध्यापक एंव प्राध्यापक पद स्वीकृत नहीं ओर यदि पद स्वीकृत तो उन पर सहायक प्राध्यापक एंव प्राध्यापक की नियुक्ती नही की गई हैं। जबकि पर्यावरण विज्ञान मे स्नातकोत्तर/एम॰ फिल॰/पी॰ एच॰ डी॰ की डिग्री प्राप्त आवेदको की नियुक्ती नही कीे गई थी।
5 पर्यावरण विज्ञान विषय के अध्यापन कार्य के लिए प्रदेश के महाविद्यालयों में केवल सहायक प्राध्यापक के दो पद स्वीकृत ।
6 प्रदेश में पर्यावरण मंत्रालय है तथा मंत्रालय के अंर्तगत विभिन्न विभाग एंव संस्थान आते है लेकिन पिछले 20 वर्षो से मंत्रालय उससे सम्बधित संस्थानो मे कोई भी रोजगार नही निकला हैं।
7 मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग में पिछले 20 वर्षो में पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित बेरोजगाारो के लिए कोई परीक्षा आयोजित नही की है । ओर नहीं पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित पर्यावरण विज्ञान विषय लेकर के मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नही दे सकते हैं। क्यो की मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविस सर्विसेस परीक्षा में पर्यावरण विज्ञान विषय सम्मलित नही हैं।
8 मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा भू-गर्भ शास्त्र,/भूजल विज्ञान मे वैज्ञानिक एंव अन्य अधिकारियो की परीक्षा आयोजित की जाती हैं पर पर्यावरण वैज्ञानिक एंव अन्य अधिकारियो की परीक्षा मध्यप्रदेश क्यो नहीं।
9 मध्यप्रदेश प्रदूषण नियन्त्रण वोर्ड, पर्यावरण नियोजन संमन्वयक संगठन,आपदा प्रबन्धन संस्थान में पिछले 20 वर्षो पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित को कोई रोजगार नही दिया गया।
10 मध्यप्रदेश मे पर्यावरण विज्ञान विषय मंे उच्चशिक्षित के लिए कुछ ही पद स्वीकृत ओर इन पदों पर भर्ती के लिए शैंक्षणिक योग्यता कें रूप में रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान,जन्तुविज्ञान,वनस्पति विज्ञान, भू-गर्भ शास्त्र,/भूजल विज्ञान आदि विषय मे स्नातकोत्तर/एम॰ फिल॰ /पी॰ एच॰ डी॰ आदि मागा जाता है ओर पर्यावरण विज्ञान विषय मंे उच्चशिक्षित इन पदो पर नियुक्ती से वंचित रह जाते हैं।
आज मध्यप्रदेश मे पर्यावरण विज्ञान मे स्नातकोत्तर/एम॰ फिल॰/पी॰ एच॰ डी॰ की डिग्री प्रात्त 5000 उच्चशिक्षित बेरोजगारो को मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा रोजगार प्रदान नही किया। जिसके कारण आज कई बेरोजगार संरकारी नौकरी की आयु निकल गई ओर कई पर्यावरण विज्ञान उच्चशिक्षित की सरकारी नोकरी की चाह में आयु निकले को है पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित हजारो बेरोजगार अपने आप को ठगा सा महसूस करते हैं। प्रदेश के हजारो गरीब परिवार अपने बच्चो को हजारो रूपये खर्च करके पर्यावरण विज्ञान मे स्नातकोत्तर/एम॰ फिल॰/पी॰ एच॰ डी॰ की डिग्री अपने बच्चो को करवाते है जिससे उनका बच्चा कुछ वन करके प्रदेश की तरक्की ओर बुढापे में उनका सहारा वने।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय, आज मे आपसे निवेदन करना चाह रहा हू कि मध्यप्रदेश मे पर्यावरण विज्ञान मे स्नातकोत्तर/एम॰ फिल॰/पी॰ एच॰ डी॰ की डिग्री प्रात्त को रोजगार के अवसर क्यो नही प्रदान किये जा रहे है आपने प्रदेश के हर वर्ग के कल्याण की योजनाये बनाई हैं पर पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित के लिए क्यों नही हम पिछले 10 वर्षो इसी उम्मीद में है कि मामा जी देर सवेर हमारे लिए सोचेगे। मामा जी पर्यावरण विज्ञान में उच्चशिक्षित आपके भान्जे एंव भान्जिंया आपने मिल कर अपनी बात रखना चाह रहे हैं यदि आप हमें मिलने का समय देगे तो हम आपके जीवन भर अभारी रहेेगे।
धन्यवाद
भवदीय
डाॅ यशपाल सिंह नरवरिया