
जेएनयू में छात्रों को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि आज के दौर में राष्ट्रवाद इससे तय हो रहा है कि कोई शख्स 'भारत माता की जय' कहता है या नहीं. थरूर ने कहा कि मुझे ये नारे लगाने में खुशी होती है. लेकिन क्या ये नारे लगाने के लिए दूसरों को मजबूर करना सही है?
बीजेपी को खरी-खोटी सुनाते हुए उन्होंने कहा कि ये बीजेपी तय नहीं कर सकती है कि जो भारत माता की जय नहीं बोलेगा वो राष्ट्रवादी नहीं है और वो देश से प्यार नहीं करता है. थरूर ने कहा कि देशद्रोह का आरोप देश के महान पुरुष बाल गंगाधर तिलक और जवाहर लाल नेहरू पर भी लगे थे. थरूर ने आगे कहा कि लोगों के पास चुनाव का अधिकार होना चाहिए कि वो अपनी सोच और विचार के साथ लोकतंत्र में रह सकें.