इराक। बंद कमरे के भीतर फर्नीचर के रूप में केवल एक बेड था। 16 साल की लड़की दिन ढलते ही डरने लगी क्योंकि रात के साथ अगले रेप की बारी भी आने वाली थी। उस साल इस्लामिक स्टेट ने उसे अपने कब्जे में ले लिया था। उस लड़की ने आईएसआईएस के आतंक के साये में अपने दिन गुजारे हैं। वह घिनौनी आवाज निकालता और पीड़िता को बेइंतहा दर्द देता था। उत्पीड़न से आगे जो भी हो सकता है उसने सहा। यह सोचकर वह परेशान हो जाती थी कि कहीं रेपिस्ट से प्रेग्नेंट न हो जाए।
एक बात थी जिससे उसे इस मामले में निराश होने की जरूरत नहीं थी। लड़की को खरीदने के बाद आइएस के लड़ाके ने उसके के लिए एक बॉक्स लाया था। उसमें दवाइयां थीं। इनमें से एक गोली रेड कलर में थी। लड़की ने बताया, ‘गोली उसके सामने लेनी होती थी। वह हर महीने एक बॉक्स देता था। जब सारी दवाई खत्म हो जाती थी तो वह फिर से लाता था। जब मुझे एक आदमी से दूसरे आदमी के पास बेचा गया तो वहां भी दवाई का बॉक्स साथ आया।’ लड़की को एक महीने बाद पता चला कि यह दवाई उसे मां बनने से बचाने के लिए है।
इस्लामिक स्टेट के काले कानूनों के मुताबिक एक पुरुष को गुलाम महिलाओं के साथ सेक्स के दौरान इस बात को सुनिश्चित करना है कि वह किसी भी सूरत में मां नहीं बने। इस्लामिक स्टेट के नेता सेक्स दासी बनाते हैं। इनका मानना है कि ऐसा पैगंबर मोहम्मद के वक्त में भी समूहों के एकीकरण के लिए किया गया था।
इराक में इस्लामिक स्टेट के लड़ाके वहां के अल्पसंख्यक यजीदी समुदाय की महिलाओं और लड़कियों को पिछले दो सालों से अपने कब्जे में लेकर इस तरह के जुल्म ढा रहे हैं। इनके बीच सेक्स व्यापार जारी है। आईएस के लड़ाके इन महिलाओं से रेप के दौरान प्रेग्नेंसी का खास ख्याल रखते हैं। अपने बीच इन लड़कियों को तोहफे के रूप में बांटते रहते हैं।