RSR Housing का डायरेक्टर गिरफ्तार

Bhopal Samachar
भोपाल। एक बहुत की अच्छी लोकेशन पर पॉश कॉलोनी में सर्वसुविधा युक्त फ्लैट है। बच्चों के लिए खेल का मैदान, जिम और रनिंग ट्रेक से लेकर सभी सुविधाएं एक ही जगह पर मिलेंगी। यह विज्ञापन था RSR Housing & Construction Pvt Ltd के एक प्रोजेक्ट का।

ऐसा लुभावना विज्ञापन देख पिपलानी के व्यापारी राजनारायण कनोजिया ने आरएसआर हाउसिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी से फ्लैट बुक करा लिया। आरोपियों ने उन्हें साइट भी दिखाई, लेकिन बाद में राजनारायण को पता चला कि वहां तो कुछ है ही नहीं।

यहां तक कि इस जमीन से बिल्डर का दूर-दूर तक कोई लेना-देना ही नहीं है। यह खुलासा एएसपी क्राइम ब्रांच एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने किया। उन्होंने बताया कि धोखा देकर पीड़ित से 25 लाख रुपए ऐंठने के आरोप में बिल्डर रामकुमार सिंह को गिरफ्तार किया है।

उसके दो साथी राजेश पाटीदार और सतेंद्र सिंघल की तलाश की जा रही है। चौहान के अनुसार कनोजिया ने वर्ष 2013 में मिसरोद के पास सलैया में नई कॉलोनी का विज्ञापन देखा था। कंपनी के बिट्टन मार्केट स्थित पंजीकृत कार्यालय स्थित मेट्रो वॉक में पिपलानी निवासी रामकुमार सिंह (32) पिता केशव सिंह से मुलाकात हुई।

रामकुमार ने बताया कि वह कंपनी का डायरेक्टर है और उसके साथ बावड़ियाकलां निवासी राजेश पाटीदार और शाहपुरा निवासी सतेंद्र बघेल पार्टनर हैं। वह सलैया के पास नया प्रोजेक्ट लॉन्च कर रहे हैं। यहीं पर बीडीए भी बड़ी टाउनशिप बन रही है।

राजनारायण ने आरोप लगाए कि आरोपियों ने लुभावने वायदे करते हुए कार से सलैया स्थित उनके नए प्रोजेक्ट की विजिट भी कराई। लोकेशन और प्रोजेक्ट पंसद आने के कारण उन्होंने एक फ्लैट बुक करा दिया। इसके लिए उन्होंने बैंक से कंपनी के खाते में 25 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।

फ्लैट देने से मुकर गए
राजनारायण ने आरोप लगाए कि करीब एक साल बाद उन्हें जानकारी मिली कि वहां तो कोई प्रोजेक्ट है ही नहीं। बाद में आरोपियों ने उन्हें फ्लैट देने से इनकार कर दिया। परेशान होकर करीब डेढ़ महीने पहले उन्होंने क्राइम ब्रांच से इसकी शिकायत की। क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद फरवरी 2016 में तीनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। एएसपी ने बताया कि शुक्रवार रात पुलिस ने रामकुमार को उसके ऑफिस से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन राजेश और सतेंद्र भाग गए।

किया था वादा
राज ने बताया कि कंपनी के नाम पर पहले से ही कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। ऐसे में उन्हें विज्ञापन के झूठे होने पर संदेह नहीं हुआ। आरोपियों ने उन्हें जमीन और लुभवने पंपलेट दिखाए। 

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