मोदी नहीं मांझी RSS की लाइन पर

नईदिल्ली। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आरक्षण के मामले में आरएसएस की विचारधारा का प्रवल विरोध कर रहे हैं वहीं बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी आरएसएस की लाइन पर चल रहे हैं। उन्होंने आरक्षण का लाभ लेने से इंकार कर दिया है। ताकि जरूरतमंद तक आरक्षण का लाभ पहुंच सके। याद दिला दें कि हाल ही में आरएसएस ने अपील की थी कि सक्षम लोगों को आरक्षण के लाभ से इंकार कर देना चाहिए। 

जीतनराम मांझी संभवतः पहले ऐसे राजनेता हैं, जिन्होंने आरक्षण का लाभ नहीं लेने की घोषणा की है। इससे पहले आरक्षण पर समीक्षा के सवाल पर पूरे देश में राजनीति चल रही है ऐसे में मांझी का यह फैसला बड़ी बात कही जा सकती है।

मांझी ने कहा कि मैंने यह फैसला इसलिए किया कि किसी जरूरतमंद को आरक्षण का लाभ मिल सके। अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मेरा पूरा परिवार आरक्षण का कोई लाभ नहीं लेगा और सभी सामान्य सीट से ही चुनाव लड़ेंगे। 

आरएसएस प्रमुख को सही ठहराया
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर समीक्षा की बात कही थी, जिसको लेकर बवाल मचा है। ये बात गलत है। भागवत ने समाज में सबको बराबरी का मौका देने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था कि हर किसी को समान अवसर मिलना चाहिए।

मांझी ने कहा कि आरएसएस प्रमुख ने क्या गलत कहा था कि इतना हंगामा मचा हुआ है। किसी खास जाति में जन्म लेने के कारण किसी व्यक्ति को मौका न मिले, ऐसा नहीं होना चाहिए।

मोदी बोले: आरक्षण दलितों का हक है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली में डॉ. बीआर अंबडेकर नेशनल मेमोरियल का शिलान्यास किया. इस मौके पर पीएम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आरक्षण दलितों का हक है और इसे कोई नहीं रोक सकता। 

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