भोपाल। मंडी बामोरा वेअर हाउसिंग कार्पोरेशन गोदाम में हुई 11 करोड़ रुपए की हेराफेरी मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब यह पता चला है कि निगम के कुछ कर्मचारियों ने ही छोटे किसानों के नाम से रसीदें कटवाकर लाखों रुपए का लोन लेकर आपस में बांट लिया। ये वही कर्मचारी हैं, जिनके खिलाफ बीना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है। निगम के रीजनल मैनेजर पीके गजभिए ने बीना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस को दिए बयान में जांच अधिकारियों ने यह बात बताई।
इस मामले में तत्कालीन ब्रांच मैनेजर डीके वर्मा, हरिचरण, कन्हैयालाल और राजेंद्र दुबे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। निगम के अधिकारियों ने ब्रांच मैनेजर डीके वर्मा को सस्पेंड कर दिया था और दूसरे मैनेजर का तबादला कर दिया था। ये चारों निगम के ही कर्मचारी हैं। जांच अधिकारियों ने बीना पुलिस को बताया कि कन्हैयालाल, राजेंद्र और हरिचरण ने कुछ छोटे किसानों के नाम से फर्जी रसीदें कटवाकर लोन लेकर आपस में रुपए बांट लिए। बाद में इन लोगों ने रसीदें भी वापस कर दीं। कुछ छोटे किसानों को तो यह कहकर फुसलाया गया था कि लोन ले लो, हम वापस कर देंगे। निगम में दैवेभो एक कर्मचारी राजेंद्र को मास्टर माइंड माना जा रहा है। जांच अधिकारियों ने पुलिस को सुराग भी दिए हैं।