भोपाल। प्रदेश में ‘पीने’ के मामले में इंदौर नंबर वन है। जिले की आबादी 32 लाख 72 हजार से अधिक है लेकिन शराब की खपत हर व्यक्ति पर करीब तीन लीटर है। वहीं जनसंख्या के मान से कम शराब पीने वालों में विन्ध्य क्षेत्र सबसे आगे है। आबकारी विभाग ने प्रदेश में शराब खपत की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की है।
1 अप्रैल से 31 दिसंबर 2015 के दौरान सभी 51 जिलों में मौजूद सरकारी शराब दुकानों में शराब की आपूर्ति की गई। देशी और विदेशी शराब के हिसाब में चौंकाने वाले तथ्य हैं कि मालवा ‘पीने’ के मामले में काफी आगे है। इंदौर को पिछले साल सबसे ज्यादा 78 लाख 18 हजार प्रूफ लीटर शराब सरकारी शराब ठेकों पर पहुंचाई गई। यहां हर व्यक्ति के हिस्से में 2.38 लीटर शराब खपत हुई। विभाग का मानना है कि दिसम्बर से मार्च अंत तक शराब की खपत 25 प्रतिशत और बढ़ जाती है। लिहाजा यहां खपत की मात्रा करीब तीन लीटर तक बढ़ गई है।
संस्कारधानी भी पीछे नहीं
प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में 9 माह के भीतर 46 लाख प्रूफ लीटर से अधिक शराब की खपत हुई है। यहां की आबादी 24 लाख 60 हजार 714 है। यानि जिले में हर व्यक्ति के नाम पर करीब दो लीटर शराब खपत हुई। भोपाल ने अपना स्थान तीसरे नम्बर पर रखा है। 23 लाख 68 हजार की आबादी वाले भोपाल जिले में 9 माह के भीतर 40 लाख लीटर से अधिक शराब की खपत हुई है। चौथे नम्बर पर सागर का नाम है। यहां की जनंसख्या 23 लाख 78 हजार है, पर पीने वालों के लिए 38 लाख 79 हजार लीटर शराब की आपूर्ति की गई।
धार जिले में रीवा से अधिक शराब की खपत
मालवा क्षेत्र में आने वाले धार जिले में रीवा से अधिक शराब की खपत हुई है। यहां की आबादी 21 लाख 84 हजार है और शराब की खपत 27 लाख 23 हजार लीटर हुई है। यानि हर व्यक्ति के नाम पर करीब पौने दो लीटर शराब की जरूरत पड़ी। 9 माह के भीतर प्रदेशभर में 892 लाख 79 हजार प्रूफ लीटर की खपत हुई है। इसमें मार्च 2015 तक का हिसाब और जोड़ने पर (25 प्रतिशत) एक लाख लीटर से अधिक की खपत हुई है।
ये हैं प्रदेश के टॉप 12 जिले
जिला जनसंख्या खपत (लाख लीटर)
इंदौर 3272335 78.18
जबलपुर 2460714 46.07
सागर 2378295 38.79
भोपाल 2368145 40.07
रीवा 2363744 18.60
सतना 2228619 18.18
धार 2184672 27.23
छिंदवाड़ा 2090306 21.63
ग्वालियर 2030543 36.07
उज्जैन 1986597 43.21
मुरैना 1965137 18.19
खरगौन 1872413 19.55
(आंकड़े 1 अप्रैल से 31 दिसम्बर 2015)