बालाघाट। आदिवासी बाहुल्य ग्राम उकवा स्थित सिंडीकेट बैक की शाखा में किसानों को दिये गये फर्जी लोन की आड में की गई धोकाधडी के जरीये करोडों रूपये की हेराफेरी कर बैंक के कर्मचारी कम समय मे लखपति करोडपति हो गये, पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने अवगत कराया की इस फर्जीवाडे की जांच कर रहे जांच दल को पुछताछ मे अहम सुराग मिले हैं, उन्होने अवगत कराया की संतोष धुर्वे नामक कर्मचारी जो शाखा मे चपरासी के पद पर कार्यरत रहा और उसे 11 हजार रूपये प्रतिमाह वेतन मिला करता था उसने लोन मे किये गये फर्जीवाडे की आड मे करोडों रूपयों की संपत्ति जुटा ली, उसने पत्नि के अकाउंट मे 2 साल की अवधि में 30 लाख रूपयों का लेनदेन किया है उसके पास 90 लाख का आलिशान मकान तथा उसके नाम पर और भी संपत्ति होने की जानकारी मिली है।
पुलिस की गिरफ्त मे आये अन्य आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा भी पुलिस जुटा रही है जिसे जप्त कर लिया जायेगा। पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के अनुसार संतोष धुर्वे की पत्नि मनीषा के युनियन बैंक के अकाउंट मे 2 वर्षों के दौरान 30 लाख रूपयों का लेनदेन किया है पुलिस ने इसके खाते की छानबीन के दौरान रूपयों के लेन देन सहित खरीदी गई संपत्ति का लेखा जोखा भी प्राप्त कर लिया है जिसके अनुसार 2 करोड रूपये की संपत्ति जुटाई गई है। यह उल्लेखनीय है कि बैंक मे चाय पानी पिलाने के बाद जब चपरासी संतोष धुर्वे को बैंक से दिये जाने वाले लोन प्रकरणों की फाईलों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौपी गई तो उसने बैंक मैनेजर एलडी गजभीये और एजेन्ट आनंद धुर्वे से सांठगांठ कर फर्जीवाडे की आड में करोडों की संपत्ति जुटा ली, संतोष धुर्वे का उकवा में 50 लाख की लागत का आलीशान मकान, 35 लाख का मकान गोंदिया में वही नागपुर मे कई प्लाट होना बताया जा रहा है उसके पास 25 लाख का खरेलु सामान पाया गया है उसके घर से 7 लाख रूपये नगद बरामद किये हैं एवं 12 लाख रूपये कीमत की लग्झरी कार और उसके बैंक खाते मे 6 लाख रूपये मिले हैं।
यह उल्लेखनीय है कि दिये गये लोन प्रकरणों मे से 157 प्रकरणों की जांच मे यह पाया गया है कि जिनके नाम से लोन देना पाया गया है उन्हे इसकी जानकारी ही नही है।