
छठवें वेतनमान के लिए तीन माह तक चले अध्यापकों के आंदोलन के बाद पांच जनवरी को कैबिनेट ने वेतनमान देने का निर्णय लिया था। 25 फरवरी को शासन ने अध्यापकों को अप्रैल माह से छठवां वेतनमान देने का आदेश भी जारी किया, लेकिन गणना पत्रक जारी नहीं हुआ।
इस बीच अध्यापकों को वेतनमान की विसंगतियों की जानकारी मिल गई, जिसके चलते वे अब गणना पत्रक की मांग कर रहे हैं। इस संबंध में अध्यापक संयुक्त मोर्चा के आरिफ अंजुम ने बताया कि माह की 20 तारीख तक वेतन बिल बनते हैं और अब तक वेतन का गणना पत्रक जारी नहीं हुआ है। ऐसे में अप्रैल से छठवें वेतनमान का लाभ मिलना मुश्किल है।
उन्होंने बताया कि 20 अप्रैल तक गणना पत्रक जारी न होने पर अध्यापक 21 अप्रैल को सरकारी काम का बहिष्कार करेंगे और 25 अप्रैल को जिला स्तर पर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। फिर भी बात नहीं बनी, तो एक मई को भोपाल में धरना देंगे।
फिर से वेतन का निर्धारित करें
मोर्चा ने फिर से वेतन निर्धारण की मांग की है। मोर्चा के ब्रजेश शर्मा ने बताया कि सरकार ने 4 सितंबर-13 को छठवें वेतनमान का निर्धारण किया था। अब वरिष्ठ अध्यापक के वेतन की गणना 10,230 और सहायक अध्यापक के वेतन की गणना 7,440 मूलवेतन से की जाए।