इंदौर। क्राइम ब्रांच ने एक फर्जी डीएसपी को गिरफ्तार किया है। वो 7वीं बटालियन (भोपाल) में हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ है। 1986 में भर्ती हुआ था। 30 साल से प्रमोशन नहीं मिला था। रिश्तेदार ताने देते थे इसलिए तीन सितारे वाली वर्दी खरीद ली और खुद को डीएसपी बताने लगा। धीरे धीरे रौब छाड़ना शुरू कर दिया और फिर वसूली भी करने लगा।
एएसपी के मुताबिक शनिवार को क्राइम वॉच पर सूचना मिली की एरोड्रम क्षेत्र स्थित लक्ष्मणपुरा निवासी एक व्यक्ति क्राइम ब्रांच डीएसपी बनकर धमकाता है। आरोपी नीली बत्ती लगी कार (एमपी 09सी 0440) में घूमता है। शिकायतकर्ता ने आरोपी की कार का फोटो भी पुलिस को वॉट्सएप पर भेज दिया। पुलिस ने पहले ट्रांसपोर्ट विभाग की वेब साइट पर जानकारी निकाली तो कार के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिली। इस आधार पर शक गहराया और टीम कॉलोनी में पहुंची। सर्चिंग के दौरान संकरी गली में उक्त कार कवर से ढकी मिली।
कार के सामने वाले मकान में टीआर गौतम उप निरीक्षक क्राइम ब्रांच भोपाल की नेम प्लेट लगी हुई थी। अफसरों ने भोपाल पुलिस से जानकारी मांगी तो बताया गौतम नामक एसआई की क्राइम ब्रांच में पोस्टिंग नहीं है। शनिवार देर रात टीम ने आरोपी के घर छापा मारा और पकड़ लिया।
पूछताछ में बताया उसका नाम तुलाराम गौतम है। फिलहाल 7वीं बटालियन (भोपाल) में हेड कांस्टेबल के पद पर पदस्थ है। आरोपी ने पूछताछ में बताया वह 1986 में भर्ती हुआ था। विभाग ने उसे प्रमोशन नहीं दिया। परिचित और रिश्तेदार ताने देते थे।
एसआई, टीआई और डीएसपी बना
पुलिस ने आरोपी के घर छापा मारा और तीन सितारे लगी वर्दी, फर्जी आईडी कार्ड, नेम प्लेट, नीली बत्ती लगी कार व अन्य सामग्री जब्त की। आरोपी ने बताया वह 10 साल से खुद को अफसर बता कर रौब झाड़ रहा था। पहले उसने एसआई की वर्दी सिलवाई और दो सितारे लगा कर घूमने लगा। कुछ दिनों बाद प्रमोशन होने का दावा किया और तीन सितारे लगा लिए। अभी खुद को डीएसपी बता रहा था। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने फेसबुक पर तुलसीराम गौतम के नाम से फर्जी आईडी बना रखी थी। प्रोफाइल पिक्चर में उसने पुलिस अफसर द्वारा पहने जाने वाले लाल रंग के जूते, वायरलेस सेट लिए फोटो लगा रखा था।
आईजी बंगले के पास वसूली करता था
पुलिस के मुताबिक आरोपी एसएएफ, फायर विभाग में भी पदस्थ रहा है। यहां भी वसूली और फर्जीवाड़े के आरोप लगे थे। कुछ समय पूर्व वह व्हाइट चर्च और शिवाजी वाटिका क्षेत्र में मैजिक और ऑटो चालकों से वसूली करते भी देखा गया था। एएसपी के मुताबिक आरोपी से अवैध वसूली की घटनाओं के संबंध में पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तारी की सूचना भी एसएएफ मुख्यालय को दे दी गई है।