भोपाल। तीन शहरों में बनने वाली स्मार्ट सिटी के लिए लिया जाने वाले कर्ज को चुकाने के लिए राज्य सरकार प्रदेश के नगरीय निकायों में स्टांप ड्यूटी के रुप में दो गुनी राशि की वसूली करेगी। इसके लिए हाल ही मेंं संशोधन किया है। जिसके तहत अब नगर निगम व नगर पालिकों परिषदों में स्टांप ड्यूटी 1 से बढ़ाकर दो फीसदी कर दी गई है। हालांकि यूपीए सरकार के समय शहरी क्षेत्रों के लोगों को राहत देने के लिए स्टांप ड्यूूटी कम करवाई गई थी।
इसके उलट अब राज्य सरकार ड्यूटी में बढ़ोत्तरी कर तीन शहरों को स्मार्ट बनाने का बोझ प्रदेश की जनता पर डाल रही है। यूपीए सरकार ने जेएनयूआरएम के तहत शहरी विकास की रूपरेखा तय कर शहरों को अरबों रुपए का अनुदान दिया था। अब एनडीए सरकार ने स्मार्ट सिटी मिशन के तहत देश के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने का बोझ उठाया है। सारे मामले में दिलचस्प बात केंद्र में यूपीए की सरकार ने जब जेएनयूआरएम के तहत शहरी विकास के लिए राशि जारी करते हुए राज्य सरकारों के समक्ष स्टांप डयूटी में 2 प्रतिशत कमी करने की शर्त रखी थी। इसके उलट भाजपा सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना क्रियान्वयन के लिए अप्रत्यक्ष रूप से जनता पर बोझ डालने की छूट दी है। सरकार ने अधिनियम में संशोधन के लिए जारी अधिसूचना में वृद्धि के कारण का स्पष्ट उल्लेख किया है।